सर्दी-बुखार होना अच्छा क्योंकि कोरोना से बचाने वाला वायरस आपके अंदर है!

इस रिसर्च के लिए वैज्ञानिकों ने रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट की रेप्लिका बनाई. इसके बाद इसमें कोरोनावायरस और राइनोवायरस को एकसाथ छोड़ दिया गया.

ज़ी न्यूज़ डेस्क Wed, 24 Mar 2021-7:36 pm,
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नई रिसर्च में बड़ी जानकारी

लंदन: एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकती. या फिर जो जीता वही सिकंदर. ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ग्लासगो यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के मुताबिक शरीर में अगर सामान्य सर्दी-बुखार पैदा करने वाला वायरस यानी राइनोवायरस है, तो उस समय कोरोना वायरस आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता.

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कोरोना वायरस को रोकने वाला वायरस

ब्रिटेन की ग्लासगो यूनिवर्सिटी के शोध के मुताबिक Rhinovirus कोरोना वायरस को प्रतिरूप (Replication) बनाने से रोक देता है. क्योंकि दोनों एक ही तरह के वायरस हैं और इसके बाद दोनों ही वायरस में शुरू होता है घमासान, जिसमें मजबूत राइनोवायरस कोरोना वायरस के प्रसार को सीमित कर देता है और इंसानी शरीर पर उसका कुछ खास असर नहीं होता. 

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ग्लासगो यूनिवर्सिटी का ट्वीट

ग्लासगो यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर वायरस रिसर्च के वैज्ञानिकों की नई स्टडी को जर्नल ऑफ इंफेक्शियस डिजीस में पब्लिश किया गया है. इसे ग्लासगो यूनिवर्सिटी ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया है और ग्राफ के माध्यम से समझाने की कोशिश की है कि किस तरह से राइनोवायरस कोरोना वायरस को रोक कर रखने में सक्षम दिखाई देता है. ग्राफ-ग्लासगो यूनिवर्सिटी

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हैरान कर देने वाले नतीजे

इस रिसर्च के लिए वैज्ञानिकों ने रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट की रेप्लिका बनाई. इसके बाद इसमें कोरोनावायरस और राइनोवायरस को एक साथ छोड़ दिया गया. वैज्ञानिकों ने इन पर नजर रखी और इनके नतीजे हैरान करने वाले आए. वैज्ञानिकों ने देखा कि राइनोवायरस ने कोरोनावायरस को रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में एंट्री ही नहीं करने दी. 

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राइनोवायरस पड़ा भारी

इस रिसर्च के दौरान शुरुआती 24 घंटों तक राइनोवायरस पूरी तरह से भारी पड़ा. उसने न सिर्फ कोरोना वायरस की वृद्धि रोकी, बल्कि खुद को तेजी से मजबूत किया. हालांकि वैज्ञानिकों ने कहा कि इस रिसर्च से ये बिल्कुल भी साबित नहीं होता कि अगर आपको राइनोवायरस का संक्रमण हुआ है तो आप कोरोना से संक्रमित हैं. दरअसल, राइनोवायरस के खत्म होने के बाद फिर से कोरोना वायरस जोर पकड़ सकता है.

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वैक्सीन लगाना जरूरी

वैज्ञानिकों ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए जरूरी है कि लोग वैक्सीन का इस्तेमाल करें. वर्ना जिंदगियां खतरे में पड़ सकती हैं. वैज्ञानिकों ने चेताया है कि कोरोना वायरस को हल्के में न लें, क्योंकि ये लगातार खुद को इम्यून भी कर रहा है.  (तस्वीरें: रायटर्स)

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