Sauna Diplomacy: देश, जहां बाथ हाउस में होती है मेहमानवाजी; कम कपड़ों में हो जाते हैं बड़े-बड़े राजनीतिक फैसले
Finland naked sauna diplomacy: यूं तो कूटनीति की पिच पर अपने हितों को पूरा करने के लिए विभिन्न देशों में अलग-अलग पैंतरे अपनाए जाते हैं. लेकिन फिनलैंड (Finland ) का तरीका सबसे अलग है. यहां विदेशी मेहमानों के साथ नेकेड नेटवर्किंग (naked networking) होती है. फिनलैंड के नेता और राजनयिक सदियों से अंतरराष्ट्रीय नीतियों पर चर्चा करने और गंभीर समस्याओं का समाधान करने के लिए सॉना डिप्लोमेसी का उपयोग करते आए हैं. फिनिश लोग इसे अपनी संस्कृति का हिस्सा भी मानते हैं. आपको बताते चलें कि सॉफ्ट डिप्लोमेटिक टूल की तरह सॉना के इस्तेमाल पर कई रिसर्च तक हो चुके हैं.
फिनलैंड ऐसा हर उस विदेशी मेहमान के लिए करता है, जिसे बाथ हाउस जाने और कम कपड़ों में सार्वजनिक रूप से बाथ लेने में कोई हिचक न हो. इसमें ज्यादा तापमान के बीच पसीने में नहाए हुए लोग राजनीति की जरूरी बातें तय करते हैं. इस स्पेशल बाथ के दौरान बीच-बीच में बेहतरीन शराब, फ्रूट्स और यहां तक कि फिनलैंड की मशहूर चॉकलेट का भी इंतजाम रहता है.
फिनलैंड आने वाले विदेशी राजनेता पहले आपस में फॉर्मली मिलते-जुलते हैं. बातचीत में ये तय होता है कि कौन बाथ हाउस में जाने को तैयार है, कौन नहीं. फिर एक साथ मिलकर बाथ हाउस का रुख किया जाता है. सॉना बाथ के दौरान रोशनी कम ही रखी जाती है ताकि दिमाग को ज्यादा से ज्यादा रेस्ट मिल सके. डिप्लोमेट्स में अगर महिलाएं भी शामिल हों तो वे अलग से सॉना में जाती हैं, जहां उनके साथ के लिए राजदूतों की ही पत्नियों को भेजा जाता है.
माना जाता है कि सॉना बाथ यानी भाप-स्नान के दौरान बातचीत ज्यादा आत्मीयता से जाती है. कपड़ों की तह के साथ-साथ भेदभाव की दीवार भी छोटी होती जाती है. दिमाग रिलैक्स होता है, जिससे आपसी यकीन बढ़ता है और मुश्किल से मुश्किल राजनीतिक फैसले लेना भी आसान हो जाता है.
आपको बताते चलें कि फिनलैंड समेत सॉना कल्चर वाले सभी देशों में बेहद ठंड पड़ती है और सर्दियों में तापमान -20 से भी नीचे चला जाता है. यूरोपियन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फिनलैंड में सॉना की शुरुआत 10वीं सदी में हुई होगी. इसके प्रमाण के तौर पर कई ऐसी गुफाएं मिली हैं, जिनमें बड़ा गड्ढा खुदा हुआ है और पास में भट्टी सुलगने के निशान हैं. 12वीं सदी में हालांकि सॉना के लिए बाकायदा बाथ हाउस बनने लगे. ये एक अलग इमारत होती थी, जिसमें पानी गर्म करने के लिए स्टोव का इंतजाम होता था. वहीं किसी के भी नहाने से पहले कमरे को खूब गर्म किया जाता था क्योंकि तब तक दुनिया में टेंपरेचर सेट करने की तकनीक नहीं थी.
15वीं सदी से लेकर 20वीं सदी की शुरुआत तक सॉना को एक तरह के आध्यात्म से जोड़ा गया. लोग गर्म भाप में डूबकर घंटों पड़े रहते और चुप रहते. वहां शराब, शोरगुल सबकी मनाही रहती थी. वक्त के साथ सॉना के उपकरण ज्यादा मॉडर्न होते गए, लेकिन अब भी ज्यादातर बाथ हाउस कई नियम मेंटेन करते हैं. आज इनका इस्तेमाल अपनी शानोशौकत दिखाने के लिए भी होता है, कूटनीति से इतर फिनलैंड के लोग सामान्य देशी लोगों के साथ भी इस कल्चर का हिस्सा बनना पसंद करते हैं.
21वीं सदी आते आते इस कल्चर का इस्तेमाल राजनीतिक फैसलों और कूटनीतिक हितों को साधने के लिए होने लगा. एक बार ब्रिटेन के नेताओं को दिया गए इस आमंत्रण पर बहुत बवाल मचा था.
वक्त के साथ स्टीम सॉना में कई बदलाव हुए, जिसके साथ स्पिरिचुअल पक्ष हल्का पड़ते हुए सॉना रिलैक्स होने का तरीका ही बनकर रह गया. फिललैंड के अलावा यूरोप के कई देशों में इस कल्चर का पालन होता है.
सॉना बाथ वाले कमरे में रहने पर शरीर से लगातार पसीना निकलता है, जिसके ढेरों फायदे हैं. इससे इम्यून सिस्टम मजूबत होता है. मांसपेशियों का दर्द चला जाता है. यहां तक कि मानसिक बीमारियों में भी सॉना बाथ काफी फायदा देता है. बहुत से लोग वजन कम करने या ब्यूटी थैरेपी के लिए भी सॉना लेते हैं. फिनलैंड में इसे सैटरडे सॉना कहते हैं, जब सारा परिवार या ऑफिस कुलीग इकट्ठे होकर स्नान करते हैं.