जकार्ता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया के नागरिकों के लिए 30 दिनों के निशुल्क वीजा की बुधवार (30 मई) घोषणा की तथा भारतवंशियों को आमंत्रित किया कि वे अपने मूल देश में आकर ‘नये भारत’ को महसूस करे. इंडोनेशिया की राजधानी स्थित जकार्ता सम्मेलन केन्द्र में भारतवंशियों को सम्बोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘हमारे देशों के नामों में न केवल साम्यता है बल्कि भारत इंडोनेशिया मित्रता में भी एक विशिष्ट साम्य है. ’’ उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, ‘‘हम इंडोनेशिया के नागरिकों को 30 दिन तक की यात्रा के लिए निशुल्क वीजा प्रदान करेंगे. ’’


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मोदी ने इस अवसर पर कहा, ‘‘आप में से कई भारत कभी नहीं आए हैं.  मैं आपको अगले वर्ष प्रयाग में कुम्भ के अवसर पर आमंत्रित करता हूं. ’’ कुंभ मेला विश्व का ऐसा विशाल आयोजन है जिसमें सबसे अधिक लोग एकत्र होते हैं. उन्होंने कहा कि यह विशाल आयोजन पर्यटकों के लिए एक नवीन अनुभव होगा. उन्हें न केवल भारत की प्राचीन सभ्यता बल्कि नये भारत की झलक भी मिलेगी. मोदी ने भारतवंशियों से अनुरोध किया कि वह अपने मूल देश में अपने मित्रों के साथ आने की आदत विकसित करें और अनुभव करें कि भारत किस तरह बदल रहा है.


पूर्ववर्ती सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के रूप में उनकी पहली प्राथमिकता देश को भ्रष्टाचार मुक्त कराने, नागरिक केन्द्रित और विकासोन्मुखी बनाना था. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार भारत को 21वीं शताब्दी की आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं के अनुरूप तैयार कर रही है. ’’ मोदी ने कहा, ‘‘हम ‘कारोबार की सुगमता’ की दिशा में एक कदम आगे बढ़े हैं. हमारी प्रक्रियाएं पारदर्शी और संवेदनशील हैं.’’ उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान ‘‘जीवन की सुगमता’’ पर है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें नये भारत का निर्माण करना है. 


स्वाधीनता के 75 वर्ष का जश्न
2022 तक नये भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए हमें काम प्रारंभ करना है, जब भारत अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष का जश्न मनायेगा. ’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले ढाई साल में भारत में नौ हजार से अधिक स्टार्ट अप पंजीकृत हुए हैं.  भारत में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित हो रहा है. मोदी ने कहा, ‘‘इंडोनेशिया में रह रहे मेरे मित्रों यह सब हो रहा है. कानून समान हैं. अधिकारी समान हैं. मेज और कुर्सियां समान हैं. केवल सरकार बदली है और देश में बदलाव हो रहा है. ’’


उन्होंने कहा कि यदि नीति स्पष्ट हो एवं नीयत साफ हो तो विकास हो कर रहता है जो हमने दिखाया है. मोदी ने पिछले साल ज्वालामुखी में विस्फोट होने के बाद फंस गये हजारों पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए बाली एवं सुरबाया के लोगों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, ‘‘इस मानवीय कृत्य के लिए मैं आपकी हृदय से सराहना करता हूं और आभार व्यक्त करता हूं.  मानवीय मूल्यों की इन मुद्राओं को प्रकट करना भारत का अभिन्न अंग रहा है.  हम भी भारत में समान तरह की भावनाओं के साथ रहते हैं. ’’


उन्होंने कहा कि भले ही नेपाल का भूकम्प हो या श्रीलंका की बाढ़, भारत की पहचान ऐसे देश के रूप में बनी है जो आपदा के समय में सदैव आगे आता है. मोदी ने कहा, ‘‘नयी दिल्ली में ऐसी संवेदनशील सरकार है जो पासपोर्ट का रंग नहीं देखती.  हमारे लिए कोई भी भारतीय महत्वपूर्ण है. 


आपदा के समय में, पिछले चार सालों में विभिन्न स्थलों पर, हमने 90 हजार लोगों को उनके पासपोर्ट का रंग देखे बिना उन्हें बचाया और उन्हें वापस लेकर आये. ’’ प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी पहली बार इंडोनेशिया की सरकारी यात्रा पर कल रात जकार्ता पहुंचे थे. उन्होंने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति भवनों में से एक मारडेका पैलेस में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विदोदो से मुलाकात की. 


इनपुट भाषा से भी