Impact of PM Modi Bhutan Visit on China: चीन अभी तक अरुणाचल प्रदेश में पीएम मोदी के दौरे और तवांग में सेला टनल के उद्घाटन से दर्द से उभरा भी नहीं था कि भारत ने उसे एक और बड़ा दर्द दे दिया है. पीएम मोदी के भूटान दौरे के दौरान दोनों देशों में कनेक्टिविटी बढ़ाने का बड़ा समझौता हुआ है. इसके तहत भारत, अपने पड़ोसी देश भूटान के साथ ट्रेन सर्विस शुरू करेगा. समझौते में भारत और भूटान के बीच 2 ट्रेन रूट प्रस्तावित किए गए हैं. जिनका निर्माण होने से दोनों देशों में आना- जाना और आसान हो जाएगा, साथ ही इससे दोनों देशों के रिश्तों में भी ज्यादा गर्मजोशी आएगी.  


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रेलवे के 2 प्रस्तावित रूटों पर बनी सहमति


भारतीय विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी के भूटान दौरे में हुए समझौतों की जानकारी दी. मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि दोनों देशों के शीर्ष नेता भारत और भूटान के बीच रेल संपर्क शुरू करने के लिए सहमति जता चुके हैं. इस संबंध में एक एमओयू भी साइन हो चुका है. इस एमओयू में भारत और भूटान के बीच दो प्रस्तावित रेल संपर्कों का प्रावधान किया गया है. इनमें से एक रूट कोकराझार-गेलेफू रेल संपर्क और दूसरा बनारहाट-समत्से रेल संपर्क होगा. इन दोनों रूटों पर रेलवे नेटवर्क बनाने का काम भारत करेगा, जबकि भूटान अपने हिस्से में इसके लिए जमीन उपलब्ध करवाएगा. 


पीएम मोदी के भूटान दौरे से चिढ़ जाएगा चीन


मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे की मौजूदगी में दोनों पक्षों ने ऊर्जा, व्यापार, डिजिटल संपर्क, अंतरिक्ष, कृषि और युवा संपर्क पर कई समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया. दोनों देशों ने नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि, पर्यावरण, वानिकी तथा पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई है. पीएम मोदी ने भूटान के विकास के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के योगदान की भी घोषणा की. पीएम मोदी ने अपने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए भूटानी पीएम का आभार भी जताया. 



भारत के सामने नहीं गल पा रही दाल


पीएम मोदी का भूटान दौरा ऐसे समय हुआ है, जब अरुणाचल प्रदेश के तवांग में सेला टनल बनने से चीन बौखलाया हुआ है. ऐसे में पीएम मोदी का भूटान जाकर वहां पर 10 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की घोषणा करना उसके लिए दोहरी चोट की तरह है. वह भूटान पर दबाव बनाकर लंबे से उसके डोकलाम वाले हिस्से को कब्जाने और उसके बदले में भूटान के उत्तरी हिस्से को वापस करने का ऑफर देता रहा है.


चिकन नेक वाली साजिश का होगा 'The End'


ऐसा करने के पीछे उसकी रणनीति सिलीगुड़ी से गुजरने वाले चिकन नेत को कब्जाने की रही है. लेकिन भारत के साथ भूटान की मजबूत दोस्ती की वजह से वह अब तक इस साजिश को अंजाम देने में सफल नहीं हो पाया है. पीएम मोदी के भूटान दौरे और उसमें दोनों देशों के बीच ट्रेन सेवा शुरू करने के समझौते से उसकी चिकन नेक वाली साजिश का 'The End' होना भी तय गया है. रेलवे रूट बनने के बाद इमरजेंसी की स्थिति में भारत उनका इस्तेमाल सैन्य मकसद के लिए भी कर सकता है, जिससे खतरे के वक्त भारत ड्रैगन को तुरंत जवाब दे सकेगा.