PM Modi Xi Jinping Meeting News in Hindi: पूर्वी लद्दाख में अतिक्रमण के बाद भारत- चीन के संबंधों में आई कड़वाहट पिघलने लगी है. चीन-भारत में पेट्रोलिंग पर सहमति बनने की खबरों के बाद आज शाम को रूस के कजान शहर में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई. प्रतिनिधिमंडल स्तर की इस बातचीत में पीएम मोदी ने दो-टूक लेकिन विनम्र तरीके से जिनपिंग को समझा दिया कि दोनों देशों के रिश्ते सामान्य रहने के लिए सीमा पर शांति बने रहना बहुत जरूरी है. उन्होंने बॉर्डर पर समझौते की राह खुलने को अच्छा बताया लेकिन साथ ही चीन को एक अच्छे पड़ोसी होने का धर्म भी समझा दिया. आइए आपको पीएम मोदी की जिनपिंग को दोटूक अंदाज में कही गई 7 बड़ी बातों के बारे में बताते हैं. 


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'शांति- स्थिरता दोनों देशों के लिए जरूरी'


रूस के कज़ान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हम 5 साल बाद औपचारिक बैठक कर रहे हैं. हमारा मानना ​​है कि भारत-चीन संबंध न केवल हमारे लोगों के लिए बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. 



'आपसी विश्वास बना रहे संबंधों का आधार'


सीमा विवाद पर बनी सहमति का स्वागत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'हम सीमा पर पिछले 4 वर्षों में उत्पन्न मुद्दों पर बनी आम सहमति का स्वागत करते हैं. सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए. आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे संबंधों का आधार बने रहना चाहिए.'


'हमारी मीटिंग वैश्विक शांति के लिए कारगर'


वैश्विक परिदृश्य पर पड़ने वाले असर पर बात करते हुए PM मोदी ने कहा, 'हमारी ये मीटिंग केवल भारत के लिए नहीं बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी बहुत कारगर है. सीमा पर शांति और स्थिरता बनाएं रखने की हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.'


'रिश्ते निभाने के लिए ये 3 बड़े आधार'


चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को आपसी रिश्तों पर दो टूक नसीहत देते हुए प्रधानमंत्री बोले, 'म्युचुअल ट्रस्ट म्युचुअल रिस्पेक्ट और म्यूचुअल सेंसटिविटी हमारे संबंधों का आधार बने. हमें आज इन सभी विषयों पर बात करने का अवसर मिला है. मुझे विश्वास है कि हम खुले मन से बातचीत करेंगे और हमारी चर्चा कंस्ट्रक्टिव होगी.' 


'हमारे सरहदी विवादों का असर स्थिरता पर नहीं'


पीएम मोदी ने जिनपिंग से कहा, हमारी सरहदी विवादों का असर हम शांति और स्थिरता पर नहीं पड़ने देना चाहते. दोनों देश उभरती अर्थव्यवस्था हैं, जिनसे पूरी दुनिया को बहुत उम्मीदें हैं. दोनों देशों को एक-दूसरे के अनुभवों का लाभ लेना चाहिए. 


'दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों की सराहना'


उन्होंने पूर्वी लद्दाख के सैन्य विवाद को शांतिपूर्वक हल करने की दिशा में काम करने पर दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों की सराहना की. उनकी बात से शी जिनपिंग ने भी सहमति जताई और कहा कि वे संबंधों को स्थिर बनाने में आगे भी योगदान देते रहेंगे.


'भारत-चीन रिश्तों का असर पूरी दुनिया पर'


पीएम मोदी ने कहा, भारत और चीन के संबंध मल्टीपोलर एशिया और मल्टीपोलर हो रही दुनिया के लिए बेहद अहम हैं. दुनिया के दो सबसे बड़े राष्ट्रों के बीच के मधुर संबंधों का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ता है.