Russia Poland News: नाटो के जिस खतरे को दूर करने के नाम पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पिछले ढाई सालों से यूक्रेन के खिलाफ खूनी जंग छेड़े हुए हैं, वह खतरा अब उनके देश के और करीब आ गया है. रूस के साथ बॉर्डर शेयर करने वाला पोलैंड अपने यहां पर न्यूक्लियर हथियार तैनात करने की तैयारी कर रहा है. पोलैंड नाटो का मेंबर कंट्री है. वहां के राष्ट्रपति राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने कहा कि अगर रूसी खतरे का मुकाबला करने के लिए नाटो अपने न्यूक्लियर हथियारों की नए सिरे से तैनाती का फैसला करता है तो उनका देश उनकी मेजबानी के लिए तैयार है.


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न्यूक्लियर हथियारों की तैनाती के लिए पोलैंड तैयार


राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने सोमवार को एक इंटरव्यू में कहा कि अगर रूस की ओर से बेलारूस और कलिनिनग्राद में अपने परमाणु हथियारों को मजबूत करने के विरोध में नाटो भी इलाके में न्यूक्लियर हथियारों की तैनाती का फैसला लेता है तो पोलैंड उन्हें अपने यहां डिप्लॉय करवाने के लिए तैयार है. 


सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के मुताबिक पोलैंड के अखबार Fakt daily को दिए इंटरव्यू में राष्ट्रपति डूडा ने कहा कि अगर हमारे सहयोगी नाटो के पूर्वी हिस्से को मजबूत करने के लिए हमारे क्षेत्र में परमाणु हथियार तैनात करने का निर्णय लेते हैं, तो हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं."


US से लौटने के बाद पोलिश राष्ट्रपति का ऐलान 


डूडा ने यह इंटरव्यू न्यूयॉर्क की यात्रा के बाद लौटने के बाद दिया. अपनी अमेरिकी यात्रा में डूडा ने संयुक्त राष्ट्र में बैठकें कीं और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ यूक्रेन में युद्ध पर चर्चा की. उन्होंने इससे पहले भी मार्च में वाशिंगटन डीसी का दौरा किया था, जहां उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की था. 


पोलिश मीडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि पोलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच परमाणु सहयोग के बारे में चर्चा कुछ समय से चल रही है. जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने तत्परता के साथ इसकी घोषणा कर दी और कह दिया कि अगर नाटो उनके देश में परमाणु हथियार रखना चाहेगा तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. 


'रूस से निपटने के लिए जवाबी कदम उठाने की जरूरत'


पोलिश राष्ट्रपति ने कहा कि अपने कलिनिनग्राद इलाके का तेजी से सैन्यीकरण कर रहा है. वह अपने परमाणु हथियारों को बेलारूस में शिफ्ट कर रहा है, जिससे जंग की स्थिति में आसपास के नाटो देशों पर हमला किया जा सके. ऐसे में नाटो देशों को भी आत्मरक्षा में जवाबी कदम उठाने की जरूरत है. जिसका सबसे अच्छा उपाय नए इलाकों में परमाणु हथियारों की तैनाती हो सकता है.