Russia Ukraine War: पुतिन की NATO को धमकी, यूरोप में हड़कंप, सहम गए सुनक-मैक्रों समेत ये बड़े नेता
Russia Ukraine War Russia Vs Nato: रूस में यूक्रेन ने बड़ा हमला किया है. ड्रोन से हुए घातक हमले में मॉस्को को निशाना बनाया गया. मॉस्को में एयर ट्रैफिक को रोका गया है. इस वार से बौखलाए पुतिन ने NATO नेताओं को ऐसी धमकी दी है कि पूरे यूरोप के भूख से मरने का खतरा बढ़ गया है.
Russia to send Wagner to disrupt grain supply: नाटो (NATO) को रूस से एक और खतरा बढ़ गया है. रोमानिया से केवल 600 फीट की दूरी पर हुए एक हमले ने वर्ल्ड वॉर 3 की आशंका को बढ़ा दिया है. दूसरी ओर मास्को पर हुए एक ड्रोन हमले से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) बेहद नाराज बताए जा रहे हैं. ऐसे में खबर आ रही है कि रूस अब अपनी प्राइवेट आर्मी वैगनर (Wagner) को यूरोप (Europe) की अनाज सप्लाई (Grain supply) को बाधित करने के लिए भेज सकता है.
रूस-यूक्रेन युद्ध की बड़ी खबर
यूक्रेन ने मॉस्को पर हमला किया. हालांकि इसमें अबतक के हताहत होने की खबर नहीं है. मॉस्को पर रात के समय यूक्रेनी ड्रोन ने हमला करके दो सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचाया. खुद पर हुए इस हमले से पहले रूस ने भी एक हमला किया था. रूस ने रोमानिया में ड्रोन अटैक किया था जिसमें अनाज के गोदामों को निशाना बनाया गया था. ऐसे में यूरोप के अनाज भंडारों पर यूं ही हमले किए गए तो हालात बिगड़ सकते हैं.
यूरोप पर भूख से मरने का खतरा
रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर अफ्रीका समेत कई देशों में एक्टिव ऑपरेशन चला चुकी है. ऐसे में अगर यूरोप के देशों के अनाज भंडार को ध्वस्त कर दिया गया तो यूरोप में राशन और अनाज का संकट होने की वजह से भुखमरी का खतरा बढ़ सकता है.
रूस ने तोड़ी काला सागर अनाज संधि
जुलाई महीने की शुरुआत से ही रूस आक्रामक है. पुतिन मानो खुद फ्रंटफुट पर अमेरिका और यूरोप के खिलाफ बैटिंग कर रहे हैं. रूस इसी महीने खुद को काला सागर अनाज समझौते से अलग कर चुका है. रूस 17 मई को इस समझौते को 60 दिनों के लिए बढ़ाने पर सहमत हुआ था. इस डील के एक हिस्से की वजह से रूस असंतुष्ट था और जुलाई में आखिरकार उसने इसके खत्म करने का ऐलान कर दिया.
जुलाई 2022 में साइन हुई थी डील
आपको बताते चलें कि रूस और यूक्रेन ने जुलाई 2022 में इस्तांबुल में तुर्की और संयुक्त राष्ट्र के साथ इस पर साइन किए थे. इसके तहत काला सागर बंदरगाहों से यूक्रेनी अनाज और अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात की इजाजत दी गई थी. ये समझौता शुरुआत में चार महीनों के लिए प्रभावी था. नवंबर 2022 के मध्य में इसे 120 दिनों के लिए 18 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया. इसे एक एक्सटेंशन और मिला. रूस नाराज था, इसलिए जुलाई में रूस इस समझौते से हट गया.