World University Ranking: ऑक्सफोर्ड को पछाड़ दूसरे नंबर पर पहुंचा कैंब्रिज, दुनिया की नंबर-1 बनी ये यूनिवर्सिटी
World University Ranking 2023: QS क्वाक्वेरेली साइमंड्स ने साल 2023 के लिए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिग (QS Quacquarelli Symonds world university rankings 2023) जारी कर दी है. इसके अनुसार, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University) दूसरे नंबर पर पहुंच गई है. जबकि, पहले नंबर पर अमेरिका की यूनिवर्सिटी ने कब्जा जमाया है.
QS Quacquarelli Symonds World University Ranking: कैंब्रिज यूनिवर्सिटी नई वैश्विक यूनिवर्सिटी रैंकिंग में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. इस रैंकिंग के टॉप 10 संस्थानों की बात करें तो इसमें ब्रिटेन की चार यूनिवर्सिटीज हैं. वहीं, वर्ल्ड फेमस ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) की बात करें तो यह दो पायदान गिरकर चौथे स्थान पर पहुंच गया है.
नंबर-1 पर है MIT
'डेली मेल' की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) की बात करें तो इसने पिछले 11 सालों से अपनी बादशाहत कायम रखी है. ये रैंकिंग में पहले स्थान पर बना हुआ है. अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) तीसरे और हार्वर्ड (Harvard University) पांचवें स्थान पर रहा है.
इस आधार पर मिले अंक
कैंब्रिज और ऑक्सफोर्ड दोनों को एकेडमिक, स्नातक गुणवत्ता और शिक्षण क्षमता के लिए बेहतर अंक मिले हैं. इंपीरियल कॉलेज लंदन (Imperial College London) 2023 में सातवें से छठे स्थान पर पहुंच गया है. जबकि, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (University College London) साल 2022 की तरह आठवें स्थान पर बरकरार है. 90 ब्रिटिश विश्वविद्यालयों में से 10 ने पिछले साल से अपनी स्थिति में सुधार किया. वहीं, 48 यूनिवर्सिटीज के रैंकिंग में गिरावट दर्ज की गई. जबकि, 32 अपने स्थान पर बने हुए हैं.
ऑक्सफोर्ड की रही ये भूमिका
QS में रिसर्च डायरेक्टर बेन सॉटर ने कहा कि शायद किसी भी ब्रिटिश शोध (British research) की सफलता की कहानी ने सार्वजनिक कल्पना को उस हद तक नहीं खींचा है, जितना कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (AstraZeneca Vaccine) विकसित करने में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की भूमिका है.
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ब्रिटिश सफल शिक्षा प्रणाली
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की यूनिवर्सिटीज (UK Universities) की रैंकिंग में पिछले साल के प्रदर्शन की तुलना में दुनिया की दूसरी सबसे सफल उच्च शिक्षा प्रणाली है. जैसा कि ब्रिटिश उच्च शिक्षा अपने ब्रेक्जिट और महामारी के बाद के भविष्य को नेविगेट करती है, इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करने की अपनी क्षमता का निर्माण करना जारी रखना चाहिए.