QUAD Leaders Joint statement: पीएम मोदी अपने 10 साल के कार्यकाल में 9वीं बार अमेरिका दौरे पर हैं. पीएम मोदी विलमिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई PM एंथनी अल्बनीज और जापानी PM फोमियो किशिदा के साथ क्वाड समिट में शामिल हुए. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने पीएम मोदी की ऐतिहासिक पोलैंड और यूक्रेन यात्राओं की तारीफ की. बाइडेन ने पीएम मोदी के शांति संदेश और यूक्रेन के लिए जारी मानवीय सहायता की भी तारीफ की. दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र चार्टर की अहमियत को एक बार फिर दोहराया है.


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दोनों देशों के नेताओं ने नौवहन की आजादी और व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी फिर से दोहराया. इसमें खासतौर पर मध्य-पूर्व के अहम समुद्री मार्गों की सुरक्षा का जिक्र किया गया. इस टास्क फोर्स का मकसद अरब सागर में समुद्री मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त समुद्री बलों के साथ मिलकर काम करना है. व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दोनों देशों के बीच यह सहयोग वैश्विक शांति और स्थिरता को बनाए रखने की दिशा में एक अहम कदम है.


साझा घोषणा पत्र की 10 प्रमुख बातें


1. चीन की चालाकियों और चालबाजियों को लेकर क्वाड के नेताओं ने लंबा मंथन किया. खासकर दक्षिण चीन सागर में उसके दुस्साहसी सैन्य अभ्यास ने चारों देशों के नेताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है.


2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन, ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानीज़ और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने डेलावेयर में चौथे व्यक्तिगत क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीन की हरकतों पर गंभीर चिंता जताई. 


3. चारों देशों ने अपने संयुक्त घोषणा पत्र के जरिए चीन को दो टूक संभलकर रहने की चेतावनी दी. 2025 में भारत कंबाइंड टास्क फोर्स 150 सह-नेतृत्व करेगा. इस टास्क फोर्स का मकसद अरब सागर में समुद्री मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त समुद्री बलों के साथ मिलकर काम करना है.


4. विलमिंगटन घोषणापत्र के मुताबिक, अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान, अन्य देशों के संसाधनों पर कब्जा करने और उनके रोजमर्रा के कामकाज में अड़ंगा लगाने वालों को बताना चाहते हैं कि 'समुद्री विवादों को शांतिपूर्वक और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार हल किया जाना चाहिए.


5. क्वाड नेताओं ने पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति के बारे में अपनी गंभीर चिंता की बात दोहराते हुए स्थान विशेष के सैन्यीकरण और दक्षिण चीन सागर में जबरदस्ती और डराने वाले युद्धाभ्यास पर निशाना साधा है. क्वाड नेताओं ने कहा, हम तटरक्षक बल के गलत और खतरनाक दुरुपयोग की निंदा करते हैं. हम किसी भी समुद्री देश के संसाधनों के शोषण जैसी गतिविधियों का विरोध करते हैं.'


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6.क्वाड समिट में पीएम मोदी ने कहा कि हम किसी के खिलाफ नहीं हैं, दुनिया तनाव और और संघर्षों से घिर रही है ऐसे में क्वाड के साथ मिलकर चलना जरूरी है.



7. क्वाड पार्टनर्स ने कहा, 'हम इस बात पर जोर देते हैं कि दक्षिण चीन सागर पर 2016 पर आया फैसला एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जिससे सभी पार्टियों के बीच विवादों का शांतिपूर्वक निपटारा होना चाहिए. हम साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने और साझा चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रशांत द्वीप देशों के साथ साझेदारी में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'


8. क्वाड देशों ने कहा, 'हम हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र के प्रमुख मंच के रूप में IORA का समर्थन करते हैं.'


9. महामंमथन के दौरान आईओआरए अध्यक्ष के रूप में पिछले कुछ समय से निरंतर नेतृत्व के लिए श्रीलंका को धन्यवाद दिया गया. वहीं अगले साल 2025 में आईओआरए का अध्यक्ष बदलने पर बात हुई.


10. क्वाड, ताइवान से सहानुभूति रखता है. ताइवान 1949 से स्वतंत्र रूप से शासित है, जबकि चीन उसे अपना हिस्सा बताता है. चीन 100 बार कह चुका है कि जरूरत पड़ी तो बलपूर्वक, ताइवान को चीन में मिला देंगे. समंदर में  चीनी आक्रामकता और इंडो-पैसिफिक मिशन को नए आयाम और मजबूती देने के लिए कई पहल शुरू करने की घोषणा की गई. क्वाड साझेदारों के बीच अब समुद्री प्रौद्योगिकियां भी साझा की जाएगीं.


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विदेश मंत्रालय का बयान


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि QUAD समिट के इतर मिले दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की. डेलावेयर के विलमिंगटन में स्थित बाइडेन ने अपने मोदी का स्वागत किया, दोनों गले मिले. बाइडेन, मोदी का हाथ पकड़कर अपने घर के अंदर लेकर गए जहां बातचीत हुई.


मुलाकात के बाद बाइडेन ने ‘X’ पर लिखा, 'भारत-अमेरिका की साझेदारी इतिहास में किसी भी समय की तुलना में अधिक मजबूत, घनिष्ठ और अधिक गतिशील है. प्रधानमंत्री मोदी के साथ जब भी हम बैठते हैं, मैं सहयोग के नए क्षेत्रों को खोजने की हमारी क्षमता से बहुत खुश होता हूं.'