Queen Elizabeth II: आखिर कौन सी जगह है वो `रॉयल वॉल्ट`, जहां दफनाया जाता है रॉयल फैमिली के लोगों का शव; सदियों पुरानी है परंपरा
What is Royal Vault: महारानी के ताबूत को उनके पति ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग के साथ विंडसर कैसल के रॉयल वॉल्ट में दफनाया गया. ऐसे में लोगों की दिलचस्पी यह जानने में है कि आखिर यह रॉयल वॉल्ट यानी शाही शव कक्ष क्या है और कहां है?
Queen Elizabeth II lowered into the royal vault: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) का निधन और उनका अंतिम संस्कार इस सदी में दुनिया का सबसे ईवेंट बना है. इसमें शामिल होने के लिए पूरी दुनिया से 2000 से ज्यादा VVIP पहुंचे. 19 सितंबर को वेस्टमिंस्टर एब्बे (Westminster Abbey) में राजकीय अंतिम संस्कार के समय दुनियाभर से मेहमान पहुंचे थे. भारतीय समय के अनुसार रात करीब 10 बजे उनके शव को विंडसर कैसल (Windsor Castle) के रॉयल वॉल्ट में दफनाया गया.
दफन हुईं महारानी
बता दें कि महारानी के ताबूत को उनके पति ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग (Duke of Edinburgh) के साथ विंडसर कैसल (Windsor Castle) के रॉयल वॉल्ट में दफनाया गया. पिछले अप्रैल में ड्यूक की मृत्यु के बाद से उन्हें विंडसर कैसल के रॉयल वॉल्ट में ही दफनाया गया था. यह जगह बहुत ही शाही है और यह रॉयल फैमिली से जुड़ी हुई है. ऐसे में लोगों की दिलचस्पी यह जानने में है कि आखिर यह रॉयल वॉल्ट (Royal Vault) यानी शाही शव कक्ष क्या है और कहां है?
शाही शव कक्ष में दफन हुईं एलिजाबेथ
रॉयल वॉल्ट विंडसर कैसल के मैदान के भीतर सेंट जॉर्ज चैपल( Chapel) की वेदी (altar) यानी जमीन के नीचे एक शव कक्ष (Vault) या पूजास्थल है. यह ग्राउंड से लगभग 16 फीट (पांच मीटर) नीचे है. सेंट जॉर्ज मध्ययुगीन महल है. कहने को यह एक साधारण शव कक्ष है, लेकिन यह बहुत भव्य है. यहां ब्रिटिश राजघराने से जुड़े लोगों के शव ताबूतों को रखा जाता है. वैसे यह एक महल है. इसके निचले वार्ड में शव कक्ष स्थित है. महल लगभग 1000 वर्षों से राजशाही से संबंधित है. मृत्यु से पहले तक एलिजाबेथ द्वितीय का एक प्रमुख निवास था.
ऐसे होता है शाही परंपरा का पालन
वॉल्ट अपने आप में पत्थरों से तैयार चैम्बर है, जो 70 फीट (21 मीटर) लंबा और 28 फीट (आठ मीटर) चौड़ा है. एंट्रेस को लोहे के गेट से बंद किया जाता है. चैंबर के अंदर 44 शवों को रखने के लिए पर्याप्त जगह है. 32 ताबूत पत्थर की दीवारों में बनी अलमारियों पर व्यवस्थित हैं, जबकि शेष 12 शव कक्ष के सेंटर में हैं. अंत्येष्टि के दौरान भूमिगत शव कक्ष तक पहुंचने के लिए सेंट जॉर्ज चैपल में फर्श का एक स्लैब हटा दिया जाता है. फिर ताबूत को इलेक्ट्रिक लिफ्ट के माध्यम से फर्श में छेद के माध्यम से उतारा जाता है. एक बार जब लिफ्ट शाफ्ट के नीचे पहुंच जाती है, तो ताबूत को मैन्युअल रूप से एक गलियारे से नीचे शव कक्ष में ले जाया जाता है. इससे पहले कि किसी एक शेल्फ या केंद्रीय प्लिंथ (Plinth) यानी चबूतरे पर रखा जाता है. किंग जॉर्ज III ने 1804 में रॉयल वॉल्ट के निर्माण का आदेश दिया था. इसका निर्माण 1810 में पूरा हुआ. वह 1820 में अपनी मृत्यु के बाद शव कक्ष में दफन होने वाले पहले ब्रिटिश राजा बने थे.
वहां किसे दफनाया गया है?
सेंट जॉर्ज चैपल 15 वीं शताब्दी के बाद से शाही परिवार के लिए दफन करने का स्थान रहा है. जिन शाही परिवारों को दफनाया गया है उनमें हेनरी VIII, चार्ल्स I और एडवर्ड VII शामिल हैं. वर्तमान में रॉयल वॉल्ट में शाही परिवार के 25 सदस्य हैं, जो ब्रिटिश राजाओं, शाही पत्नियों और बच्चे हैं. राजकुमारी अमेलिया, किंग जॉर्ज III की बेटी, जिनकी मृत्यु 1810 में 27 वर्ष की आयु में हुई थी. जॉर्ज III की बहन राजकुमारी ऑगस्टा को 1813 में तिजोरी में दफनाया गया था. प्रिंसेस चार्लोट, किंग जॉर्ज IV की बेटी और उनके मृत पुत्र को 1817 में यहां रखा गया था. जॉर्ज III की पत्नी क्वीन चार्लोट को 1818 में दफनाया गया था. जॉर्ज III के बेटे, प्रिंस अर्नेस्ट ऑगस्टस की मृत बेटी को 1818 में रखा गया था. 1820 में, जॉर्ज III और प्रिंस एडवर्ड, ड्यूक ऑफ केंट को यहां दफनाया गया था. इनके अलावा जॉर्ज III के बेटे-प्रिंस अल्फ्रेड (जिनकी 1782 में मृत्यु हो गई) और प्रिंस ऑक्टेवियस (जिनकी मृत्यु 1783 में हुई) को अपने पिता के साथ आराम करने के लिए यानी दफनाने के लिए 1820 में यहां लाया गया था.
कई पीढ़ियों के लोग हुए दफन
इनके बाद विलियम IV की बेटी राजकुमारी एलिजाबेथ को 1821 में यहां रखा गया था. प्रिंस फ्रेडरिक, ड्यूक ऑफ यॉर्क और जॉर्ज III के एक बेटे को 1827 में यहां रखा गया था. जॉर्ज IV (1830) और विलियम IV (1837) को इनकी मृत्यु के बाद रॉयल वॉल्ट में रखा गया था. राजकुमारी सोफिया को 1840 में यहां रखा गया था. विलियम IV की पत्नी क्वीन एडिलेड को 1849 में यहां लाया गया था. महारानी विक्टोरिया के पोते स्लेसविग(होल्स्टीन के राजकुमार) फ्रेडरिक को 1876 में यहां रखा गया था. जॉर्ज III के पोते (हनोवर के निर्वासित किंग) जॉर्ज पंचम को 1878 में उनकी मृत्यु के बाद यहां रखा गया था. जॉर्ज पंचम की पोती विक्टोरिया वॉन पावेल रमिंगन को 1881 में रखा गया था. हनोवर की राजकुमारी फ्रेडरिका को 1927 में इसमें रखा गया था. प्रिंसेस मैरी एडिलेड, डचेस ऑफ टेक और जॉर्ज III की पोती को 1897 में रखा गया था. प्रिंस फ्रांसिस (ड्यूक ऑफ टेक) को 1900 में यहां रखा गया था. प्रिंस एडॉल्फस (ड्यूक ऑफ कैम्ब्रिज) और उनकी पत्नी, राजकुमारी ऑगस्टा (डचेस ऑफ कैम्ब्रिज) को 1930 में उनके मूल दफस्थल(resting place) से लाकर यहां रखा गया था. प्रिंस फिलिप को 17 अप्रैल, 2021 को यहां लाकर दफनाया गया था.
ताजपोशी का सफर जहां से शुरू वहीं खत्म
ब्रिटेन के समय के मुताबिक यहां से सोमवार सुबह 8 बजे से शाही सम्मान के साथ रखे गए दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के नश्वर शरीर का आगे के सफर शुरू हुआ. सुबह 9.44 बजे वेस्टमिंस्टर हॉल से महारानी का ताबूत आगे के सफर के लिए बढ़ा. महारानी के ताबूत को वेस्टमिंस्टर हाल से एबे तक रॉयल नेवी के स्टेट गन कैरेज में 142 यूनीकॉर्न पहने नाविक खींचकर ले गए. इस कैरेज का इस्तेमाल साल 1979 में लॉर्ड माउंटबेटन और साल 1952 में महारानी के पिता किंग जॉर्ज छठे के अंतिम संस्कार में हुआ था. सबसे पहले उनके आखिरी सफर का ये जुलूस वेस्टमिंस्टर एबे (Westminster Abbey) पहुंचा. ये वहीं जगह है जहां 20 नवंबर 1947 में उनका प्यार एडिनबरा के ड्यूक प्रिंस फिलिप के साथ आधिकारिक हुआ. इसी जगह से महारानी के ब्रिटेन की राजशाही चलाने का जून 1953 में आगाज हुआ. इसी जगह से महारानी की ताजपोशी हुई और यही जगह उनके आखिरी सांस तक महारानी रहने के आखिरी पलों की गवाह बनी. यहां उन्हें आखिरी विदाई देने आए हजारों लोगों की मौजूदगी में एक धार्मिक कार्यक्रम हुआ.
ये स्टोरी आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर