Ravan Mahal in sri lanka: देश दुनिया में दशहरा की धूम है. भारत में इसे एक प्रमुख त्योहार के रूप में मनाया जाता है. यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. इस दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं, जो बुरी शक्तियों के विनाश का प्रतीक हैं. रावण से जुड़ी कहानियां केवल भारत तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि श्रीलंका में भी उनके शासनकाल से संबंधित कई प्रमाण मिले हैं. श्रीलंका का सिगिरिया रॉक किला, जो प्राचीन सभ्यता और कलाकृतियों का भंडार है, इसे रावण की लंका से जोड़कर देखा जाता है.


विशाल चट्टान पर बनाया गया


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कहा जाता है कि सिगिरिया कभी रावण की राजधानी हुआ करती थी. इस प्राचीन किले की खासियत यह है कि इसे एक विशाल चट्टान पर बनाया गया है, जिसे रावण का महल कहा जाता है. लोक मान्यताओं के अनुसार, यहां से रावण सुरक्षित रूप से शासन करता था और महल के पास उसके पुष्पक विमान के लिए विशेष हवाई पट्टी भी थी. यह महल कुबेर द्वारा निर्मित बताया जाता है, जो मध्य श्रीलंका के बदुल्ला, अनुराधापुरा, और केंडी जैसे इलाकों तक फैला था. महल में एक बेहद विकसित जल प्रबंधन प्रणाली और सुंदर बगीचे भी थे, जो इसकी अद्वितीयता को दर्शाते हैं.


पहुंचने के लिए 1000 सीढ़ियां


रावण ने माता सीता को भी इस महल में कुछ दिनों तक रखा था, ऐसा बताया जाता है. महल तक पहुंचने के लिए 1000 सीढ़ियां थीं और ऊपर जाने के लिए एक लिफ्ट भी मौजूद थी, जिसे रावण और उसके करीबी इस्तेमाल करते थे. सिगिरिया किले के ऊपर के हिस्से में रानियों के लिए बाग-बगीचे और विशेष स्नानघर बनाए गए थे. यहां की बनावट और ऊंचाई को देखकर आज भी लोग आश्चर्यचकित होते हैं कि इतने प्राचीन समय में इतनी ऊंचाई पर कैसे इतनी सुविधाएं बनाई गई होंगी.


स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रगैला के जंगलों में लगभग 8,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक गुफा में रावण का शव आज भी ममी के रूप में सुरक्षित रखा गया है. कहा जाता है कि रावण के शव पर एक विशेष लेप लगाया गया है, जिसकी वजह से उसका शरीर हजारों साल बाद भी सुरक्षित है. यह गुफा और ममी आज भी रहस्य और चमत्कार का विषय बने हुए हैं, जिसे लेकर लोगों में खूब जिज्ञासा है.