वारसाः यूक्रेन और रूस के बीच जंग (Russia Ukraine War) लगातार जारी है. जहां एक तरफ रूस की सेना (Russian Army) राजधानी कीव (Kyiv) में घुसने की तैयारी कर रही है. वहीं, यूक्रेन की सेना (Ukaine Army) डटकर मुकाबला कर रही है. जंग के बीच यूक्रेन के विभिन्न शहरों से लोगों का पलायन भी जारी है. अब तक लाखों की संख्या में लोग देश छोड़ चुके हैं. यूक्रेन से भारी संख्या में लोग पोलैंड पहुंच रहे हैं. यहां लोग इन शरणार्थियों (Refugees) की रहने व खाने-पीने में मदद कर रहे हैं.


मंदिर व गुरुद्वारों में शरण


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यूक्रेन से पोलैंड पहुंचे शरणार्थियों की हर कोई मदद कर रहा है. खासकर पोलैंड (Poland) में रहने वाले भारतीय यूक्रेन से आये लोगो को अपने घरों, गुरुद्वारे और मंदिरों (Temples and Gurudwaras) में पनाह दे रहे हैं. पोलैंड के गुरुद्वारे और मंदिर में लगातार लोगों की मदद की जा रही है.


भारतीय छात्र नहीं लौटना चाहते देश


गुरुद्वारे में रह रहे भारतीय छात्रों (Indian Student) का कहना है कि वह अभी भारत नहीं लौटना चाहते हैं. वह युद्ध के समाप्त होने का इतंजार कर रहे हैं, ताकि आगे की पढ़ाई पूरी कर सके. गुरुद्वारे के लंगर से रोजाना शरणार्थियों के लिए खाना जाता है.


रहने व खाने का प्रबंध


वहीं, पोलैंड के मंदिरों से जुड़े लोग ना सिर्फ शरणार्थियों के लिए खाने और रहने का प्रबंध कर रहे हैं, बल्कि भगवत गीता के जरिए, उनकी मानसिक शांति और मनोबल बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. कुल मिलाकर इस मुश्किल घड़ी में भारतीय यूक्रेनी शरणार्थियों की हर संभव मदद कर रहे हैं.


लंगर की है व्यवस्था


बता दें कि रूसी हमले के बाद यूक्रेन से लौट रहे लोगों के लिए पोलैंड में धर्मस्थलों ने द्वार खोल दिए थे. यहां गुरुद्वारों में लंगर मिल रहा है. मंदिरों में लोगों के रहने का इंतजाम किया गया है. यूक्रेन से पोलैंड आ रहे शरणार्थियों का स्वागत किया जा रहा है. इनमें भारतीयों के साथ यूक्रेन के नागरिक भी शामिल हैं.


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