Russia Slams 'Western Propaganda': रूस ने यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के बीच देश में नया और अनोखा नागरिक कानून बनाया है. इसके जरिए रूस ने देशवासियों बीच फैल रही निःसंतान जीवनशैली यानी बच्चों के जन्म न देने के फैसले को 'पश्चिमी प्रोपगैंडा' बताते हुए उस पर प्रतिबंध लगाया. इस पाबंदी के उल्लंघन पर 4,000 डॉलर का जुर्माना भी लगेगा. 


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संसद में सख्त कानून का तीसरा और अंतिम मसौदा पारित


दरअसल, रूस ने मंगलवार (12 नवंबर) को बच्चों को जन्म न देने के "पश्चिमी प्रचार" पर प्रतिबंध लगाने वाला एक विवादास्पद कानून पारित किया है. कपल्स के बच्चों को जन्म न देने को निर्णय को पश्चिमी उदारवादी विचार बताते हुए रूसी सांसदों ने सख्त कानून का तीसरा और अंतिम मसौदा पारित किया. यह प्रतिबंध यूक्रेन पर अपने सैन्य हमले के कारण देश में जनसांख्यिकीय मंदी को दूर करने के मास्को के प्रयास के रूप में सामने आया है.


ऑनलाइन, मीडिया, विज्ञापन और फिल्मों के कंटेंट पर नजर


एएफपी की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह विधेयक ऑनलाइन, मीडिया, विज्ञापन और फिल्मों में उन कंटेंट पर लागू होगा जो "बच्चे पैदा करने की अस्वीकृति" को बढ़ावा देती हैं. रूस वर्तमान दौर में देश में बड़े उम्र वालों की बढ़ती आबादी और कम होती जन्म दर का सामना कर रहा है. इसे रूस के आर्थिक भविष्य के लिए खतरा माना जा रहा है. रूसी संसद में सांसदों ने जन्म नियंत्रण पर विज्ञापनों को "विनाशकारी सामग्री" बताते हुए कहा कि यह विधेयक "प्रोपगैंडा" को टारगेट करता है जो बच्चों को जन्म देने से "सचेत" रूप से इनकार करने को बढ़ावा देता है.


विधेयक के लेखकों ने बताया- क्या है दंड का प्रावधान?


विधेयक के मसौदे के लेखकों ने कहा है कि इसका उपयोग "व्यक्तिगत पसंद या जीवनशैली" के लिए दंड के रूप में नहीं किया जाएगा, बल्कि केवल ऐसी जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा. हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि व्यवहार में इसे कैसे अलग किया जाएगा. कानून का उल्लंघन करने पर व्यक्तियों के लिए 400,000 रूबल (4,000 अमेरिकी डॉलर) तक और व्यवसायों के लिए पांच मिलियन रूबल तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इस विधेयक में प्रतिबंधित जानकारी का प्रसार करने के दोषी पाए जाने वाले विदेशियों को निर्वासित करने का प्रावधान भी शामिल है.


पश्चिमी प्रोपगैंडा के कारण लोग बच्चे पैदा करना बंद कर रहे


एएफपी की रिपोर्ट में ड्यूमा के स्पीकर व्याचेस्लाव वोलोडिन के हवाले से कहा गया है, "यह एक भाग्यवादी कानून है. बच्चों के बिना, कोई देश नहीं होता. इस पश्चिमी विचारधारा के कारण लोग बच्चे पैदा करना बंद कर रहे हैं." उन्होंने यह भी कहा कि यह कानून "नागरिकों, मुख्य रूप से बढ़ती हुई पीढ़ी को मीडिया स्पेस में फैली ऐसी जानकारी से बचाने के बारे में है जो व्यक्तित्व के विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है. इसलिए कि हमारे नागरिकों की नई पीढ़ी पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों की ओर मुड़ें."


अब 20 नवंबर को संसद का ऊपरी सदन करेगा विचार


परिवार नीति पर ड्यूमा समिति की प्रमुख कम्युनिस्ट पार्टी की सांसद नीना ओस्तानिना ने कहा कि इस विधेयक का मकसद "हमारे युवाओं को अनावश्यक विचारधाराओं से बचाना" है. अब इस विधेयक पर 20 नवंबर को संसद के ऊपरी सदन द्वारा विचार किया जाएगा. उसके बाद इसे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जिनके हस्ताक्षर से इसे कानून बनाया जा सकता है. हालांकि, यह कानून LGBTQ संबंधों या लिंग परिवर्तन के "प्रचार" पर मौजूदा प्रतिबंधों से अलग है.


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गोद लेने पर प्रतिबंध, लिंग परिवर्तन पर अधिक सख्ती


ड्यूमा ने तीसरे सत्र में सर्वसम्मति से यह कानून पारित किया, जिसमें लिंग परिवर्तन की अनुमति देने वाले देशों में रहने वाले विदेशियों को रूसी बच्चों को गोद लेने से प्रतिबंधित किया गया है. इस विधेयक का मकसद रूसी बच्चों को कानूनी रूप से लिंग परिवर्तन करने से रोकना है. मॉस्को ने लंबे समय से खुद को उदार मूल्यों के खिलाफ एक ढाल के रूप में पेश किया है, लेकिन क्रेमलिन द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण शुरू करने के बाद से यह प्रवृत्ति बहुत तेज हो गई है.


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पश्चिमी देशों के साथ रूस के संबंध और भी ज्यादा खराब


इससे पश्चिम के साथ रूस के संबंध और भी ज्यादा खराब हो गए हैं. यह विधेयक उन देशों के नागरिकों द्वारा गोद लेने पर प्रतिबंध लगाएगा जो "चिकित्सा हस्तक्षेप द्वारा लिंग परिवर्तन को अधिकृत करते हैं, जिसमें दवा का उपयोग भी शामिल है." इसमें वैसे देश भी शामिल हैं जो व्यक्तियों को आधिकारिक पहचान दस्तावेजों पर अपना लिंग बदलने की अनुमति देते हैं.


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