Petrol-Diesel Price: रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने महंगाई को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है. युद्ध के चलते रूस से ज्यादातर देश नाराज चल रहे हैं. जिसके चलते रूस को वैश्विक विरोध के साथ कई प्रतिबंधों का भी सामना करना पड़ रहा है. लेकिन रूस की नाराजगी पूरी दुनिया को भारी पड़ सकती है. अमेरिका और यूरोपीय देशों के प्रतिबंध का अगर रूस जवाब देने पर अमादा हो जाता है तो इसका परिणाम पूरी दुनिया को भुगतना पड़ सकता है. एनालिस्ट्स का मानना है कि अगर रूस कच्चे तेल के प्रोडक्शन में कटौती कर देता है तो वैश्विक तेल की कीमतें 380 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जी-7 देश रूस के खिलाफ


जी-7 देशों के समूह की बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर मॉस्को पर कई तरह प्रतिबंध लगाने पर चर्चा हुई और फैसले भी लिए गए. जी-7 देश रूस के लिए एक जटिल तंत्र तैयार करने में लगे हैं. इसके जवाब में रूस अपने कच्चे तेल के प्रोडक्शन में रोजाना 5 मिलियन बैरल की कटौती कर सकता. इस कटौती का रूस की अर्थव्यवसथा पर तो ज्यादा असर नहीं पड़ेगा लेकिन इससे दूसरे देशों पर बेतहाशा महंगाई बोझ बढ़ सकता है.


रूस की नाराजगी पड़ सकती है भारी


दुनिया के अधिकांश हिस्सों के लिए रूस के ऐसे कदम के परिणाम विनाशकारी साबित हो सकते हैं. विश्लेषकों ने लिखा है कि दैनिक आपूर्ति में 30 लाख बैरल की कटौती बेंचमार्क लंदन क्रूड की कीमतों को 190 डॉलर तक पहुंचा देगी. जबकि 5 मिलियन की सबसे खराब स्थिति का मतलब कच्चे तेल की कीत 380 डॉलर प्रति बैरल पहुंच सकती है.


विश्लेषकों ने चेताया


विश्लेषकों का मानना है कि रूस के इस संभावित कदम का जोखिम यह है कि कच्चे तेल के निर्यात को कम कर मॉस्को पश्चिम देशों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है.


ये ख़बर आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर


LIVE TV