दक्षिण कोरिया ने अपने राष्ट्रपति पर फिर से महाभियोग क्यों लगाया? किस लिए 14 दिन के अंदर बदल गए 3 राष्ट्रपति
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दक्षिण कोरिया ने अपने राष्ट्रपति पर फिर से महाभियोग क्यों लगाया? किस लिए 14 दिन के अंदर बदल गए 3 राष्ट्रपति

South Korea: दक्षिण कोरिया में इन दिनों राजनीति का माहौल गरमाया हुआ है. दक्षिण कोरियाई संसद ने कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ शुक्रवार (27 दिसंबर) को महाभियोग लाकर पद से हटा दिया है. जिसके बाद देश में अब तक 14 दिनों के अंदर तीन राष्ट्रपति बदल गए हैं. जानें पूरी कहानी.

दक्षिण कोरिया ने अपने राष्ट्रपति पर फिर से महाभियोग क्यों लगाया? किस लिए 14 दिन के अंदर बदल गए 3 राष्ट्रपति

South Korea impeach acting President: दक्षिण कोरिया के राजनीति में इन‌ दिनों कोहराम मचा हुआ है. पहले राष्ट्रपति यून सुक येओल पर महाभियोग लगाकर उन्हें  पद से हटा दिया गया. अब विपक्षी दलों के नियंत्रण वाली संसद ने कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ भी महाभियोग चलाने के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसके बाद उन्हें भी राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया.  संसद ने शुक्रवार महाभियोग प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. प्रस्ताव के पक्ष में 192 मत पड़े जबकि विरोध में कोई मत नहीं पड़ा क्योंकि सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों ने मतदान का बहिष्कार किया था. कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू को महाभियोग चलाकर पद से हटाने के लिए 151 वोटों की जरूरत थी.

वित्त मंत्री अब संभालेंगे राष्ट्रपति का पद, 14 दिनों में बदल गई कुर्सी
अब वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालेंगे. चोई सांग ने 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लगाने का खुलकर विरोध किया था. उन्होंने इसे देश की अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी बताया था. यून सुक योल ने 3 दिसंबर को देश में इमरजेंसी (मार्शल लॉ) लगा दिया था. हालांकि विपक्ष की कोशिशों से यह सिर्फ 6 घंटे के लिए ही लागू रह पाया. विपक्षी पार्टी ने संसद में वोटिंग के जरिए मार्शल लॉ प्रस्ताव को अवैध घोषित कर दिया था. इसके बाद साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ महाभियोग चलाकर हटा दिया गया था. इसके बाद 14 दिसंबर को हान डक-सू को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था, लेकिन वे इस पद पर सिर्फ 13 दिन ही रह पाए. उन्हें भी पद से हटना पड़ा.

कार्यवाहक राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव क्यों लाया गया?
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, साउथ कोरिया में इमजरेंसी लगाने वाले यून सुक योल को महाभियोग चलाकर पद से हटा दिया गया है. हालांकि उन्हें पूरी तरह पद से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट के 9 में से 6 जज अगर उनके पक्ष में फैसला सुनाते हैं तो वे फिर से देश के अलगे राष्ट्रपति बन जाएंगे. लेकिन असल समस्या यह है ‌कि अभी साउथ कोरिया के सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ 6 जज हैं. ऐसे में एक जज भी यून सुक योल के पक्ष में वोटिंग कर उन्हें फिर से देश का राष्ट्रपति बना सकता है. यही वजह है कि विपक्षी पार्टी सुप्रीम कोर्ट में खाली हुए 3 सीटों को भरना चाहती है, लेकिन कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू ने इससे इनकार कर दिया. जिसके बाद उनके खिलाफ भी महाभियोग लगाकर उन्हें पद से हटा दिया गया.

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