Russia Ukraine War: नाटो देशों के गठबंधन में शामिल होने की घोषणा करने वाले फिनलैंड (Finland) और स्वीडन (Sweden) को रूस ने सबक सिखाने का फैसला किया है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर इन दोनों देशों की सीमाओं पर खतरनाक परमाणु मिसाइलों की तैनाती का काम शुरू हो गया है. सड़कों पर परमाणु बम ले जाने में सक्षम इस्कंदर मिसाइलों (Iskander Missiles) को फिनलैंड सीमा की ओर कूच करते देखा गया है. माना जा रहा है कि नाटो के विस्तार को रोकने के लिए रूस किसी भी हद तक जा सकते हैं.


10 सेकंड में फिनलैंड का सफाया: रूस


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रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने दोनों देशों को चेतावनी दी थी कि पश्चिमी सैन्य गठबंधन नाटो में शामिल होना उनके लिए बड़ी गलती होगी लेकिन दोनों देशों ने इस चेतावनी पर कोई ध्यान नहीं दिया है और अपनी पारंपरिक तटस्थता की नीति को त्यागते हुए नाटो देशों के गठबंधन में शामिल होने का फैसला किया है. ऐसे में रूसी राष्ट्रपति अब और खतरनाक रूप लेते नजर आ रहे हैं. मास्को ने क्लियर कर दिया है कि अगर फिनलैंड (Finland) नाटो में शामिल होता है तो वह इसका गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे. वह केवल 10 सेकंड में दुनिया से फिनलैंड का सफाया कर सकता है. 


इस्कंदर मिसाइलों को व्योबर्ग भेजा गया


'द सन' की रिपोर्ट के मुताबिक रूस की घातक परमाणु बम ले जाने वाली इस्कंदर मिसाइलों (Iskander Missile) का एक बेड़ा Vyborg की ओर जाता दिखाई दिया. फिनलैंड की सीमा से केवल 24 किलोमीटर दूर बसा यह रूस का आखिरी शहर है. सूत्रों के मुताबिक फिनलैंड (Finland) और स्वीडन को सबक सिखाने के लिए रूस जल्द ही इन देशों के लिए एक नई मिलिट्री यूनिट का गठन करने वाला है. इसके लिए इस्कंदर मिसाइलों के पूरे एक डिवीजन को व्योबर्ग में भेजा जा रहा है. ये मिसाइलें कम दूरी के टारगेट को हिट करने और नाटो बलों का मुकाबला करने के लिए बनाई गई हैं. 


310 किलोमीटर है मिसाइल की रेंज


यूक्रेन के खिलाफ इस साल 24 फरवरी से शुरू हुए स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन में ये रूस के प्रमुख हथियार रहे हैं. शॉर्ट रेंज वाली इन बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल परमाणु वारहेड ले जाने या परंपरागत विस्फोटक ले जाने के लिए भी किया जा सकता है. इन मिसाइलों की रेंज 310 किलोमीटर है. इस्कंदर मिसाइलों को बंकर-बस्टिंग और एंटी-रडार मिशनों के लिए भी तैनात किया जा सकता है. 


पुतिन ने नाटो देशों को चेतावनी दी है कि अगर उसने यूक्रेन संघर्ष में कोई हस्तक्षेप किया तो बिजली की तेज गति से उसके खिलाफ जवाब दिया जाएगा. रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि दो स्कैंडिनेवियाई देशों (फिनलैंड और स्वीडन) को इस बात में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए कि हम उनकी हरकतों पर चुपचाप  बैठे रहेंगे. 


रूस के चैनल ने फिनलैंड की दी धमकी


रूस के न्यूज चैनल Rossiya One के एक कमेंटेटर ने कहा, 'उनका आधिकारिक कारण डर है. लेकिन उन्हें नाटो में शामिल होने के बाद अधिक डर रहेगा. जब स्वीडन (Sweden) और फिनलैंड (Finland) में नाटो के ठिकाने दिखाई देंगे, तो रूस के पास इस असंतुलन और नए खतरे को बेअसर करने के परमाणु हथियारों की तैनाती के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.'


रूस और फिनलैंड में 830 मील की सीमा


फिनलैंड (Finland) की रूस के साथ 830 मील की सीमा लगती है. वह 75 वर्षों तक सैन्य रूप से गुटनिरपेक्ष रहा है. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद फिनलैंड ने अपनी सुरक्षा पर खतरा बताते हुए नाटो में जुड़ने के लिए कदम उठाने शुरू किए हैं. राष्ट्रपति शाऊली निनिस्टो और प्रधान मंत्री सना मारिन ने इन नीतिगत बदलाव को नए युग की शुरुआत बताया है. वहीं रूस का दावा है कि नाटो में शामिल होने का फैसला द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचाएगा. 


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स्वीडन भी चला फिनलैंड की राह पर


स्वीडन (Sweden) ने भी फिनलैंड (Finland) की तरह जल्द ही नाटो में शामिल होने का फैसला किया है. सत्तारूढ़ सोशल डेमोक्रेट्स ने भी नाटो में शामिल होने की कोशिश का समर्थन किया है. इसी बीच 14 नाटो देशों के 15,000 सैनिकों ने बाल्टिक्स में एक विशाल सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है. 'Siil' नामक यह अभ्यास रूसी बेस से केवल 40 मील की दूरी पर होगा.


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