CTBT: CTBT: पुतिन के एक फैसले ने दुनियाभर में मचाई हलचल, क्या फिर बढ़ेगी एटमी रेस?
Russia: रूस ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि अमेरिका ने भी इस संधि की पुष्टि नहीं की है, इसलिए रूस भी इसे नहीं मानने का अधिकार रखता है. उन्होंने कहा कि यह कदम अमेरिका के साथ समानता स्थापित करने के लिए जरूरी था.
Vladimir Putin: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को एक विधेयक पर हस्ताक्षर किए, जिसके बाद रूस ने वैश्विक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) का समर्थन वापस ले लिया. इस कदम के पीछे रूस का तर्क था कि अमेरिका ने अभी तक इस संधि की पुष्टि नहीं की है, इसलिए रूस भी इसे नहीं मानने का अधिकार रखता है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि यह कदम अमेरिका के साथ समानता स्थापित करने के लिए जरूरी था. उन्होंने कहा कि सीटीबीटी के समर्थन को रद्द करना अमेरिका द्वारा अपनाए गए रुख को "प्रतिबिंबित" करेगा.
CTBT एक अंतरराष्ट्रीय संधि
दरअसल, यह कदम रूसी संसद के दोनों सदनों द्वारा पिछले महीने लिया गया था. CTBT एक अंतरराष्ट्रीय संधि है जो सभी प्रकार के परमाणु परीक्षणों को प्रतिबंधित करती है. यह संधि 1996 में लागू हुई थी, लेकिन अभी तक 86 देशों ने ही इसकी पुष्टि की है. अमेरिका, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया, इजराइल, ईरान और मिस्र ने अभी तक इस संधि की पुष्टि नहीं की है. रूस ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि अमेरिका ने भी इस संधि की पुष्टि नहीं की है, इसलिए रूस भी इसे नहीं मानने का अधिकार रखता है. उन्होंने कहा कि यह कदम अमेरिका के साथ समानता स्थापित करने के लिए जरूरी था.
परमाणु परीक्षण फिर से शुरू?
इससे इस बात की भी आशंका है कि रूस परमाणु परीक्षण फिर से शुरू कर सकता है, जिससे वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ जाएगा. ऐसा करने से रूस पश्चिम को यूक्रेन को सैन्य सहायता देने से रोकने की कोशिश कर सकता है. कई रूसी विशेषज्ञ भी परीक्षणों के पक्ष में हैं. हालांकि, पुतिन ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है. रूस के इस फैसले के बाद, कई विशेषज्ञों ने चिंता व्यक्त की है कि रूस परमाणु परीक्षण फिर से शुरू कर सकता है.
वैश्विक सुरक्षा के लिए एक खतरा
ऐसा करने से रूस की परमाणु क्षमता में सुधार होगा और यह वैश्विक सुरक्षा के लिए एक खतरा पैदा करेगा. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी परमाणु परीक्षणों के पक्ष में तर्क दिया है. उन्होंने कहा है कि कुछ विशेषज्ञ परमाणु परीक्षण करने की आवश्यकता को लेकर तर्क देते हैं. रूस के परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने की संभावना वैश्विक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है. यह पश्चिम को यूक्रेन को सैन्य सहायता देने से रोकने की रूस की कोशिशों को भी बढ़ावा दे सकता है. एजेंसी इनपुट