Legal Setback For Ukraine: रूस और यूक्रेन जहां एक भीषण युद्ध में उलझे हैं वहीं दोनों देश एक कानूनी लड़ाई लड़ाई भी लड़ रहे हैं. यह लड़ाई  संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में लड़ाई जा रही है जिसमें बुधवार को यूक्रेन को बड़ा झटका लगा.


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अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) जजों ने बुधवार को पाया कि रूस ने यूएन की आतंकवाद विरोधी संधि का उल्लंघन किया है. हालांकि अदालत ने कीव द्वारा लगाए गए उन आरोपों पर फैसला देने से इनकार कर दिया जिनमें कहा गया था कि मॉस्को 2014 में पूर्वी यूक्रेन के ऊपर मलेशिया एयरलाइंस की उड़ान MH17 की शूटिंग के लिए जिम्मेदार था.


रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक फैसले में, आईसीजे जजों ने पाया कि रूस ने 2014 में प्रायद्वीप पर कब्जे के बाद क्रीमिया में यूक्रेनी भाषा की शिक्षा को सपोर्ट करने में विफल होकर भेदभाव-विरोधी संधि का उल्लंघन किया था.


फैसला कीव के लिए झटका
आईसीजे का यह फैसला कीव के लिए एक कानूनी झटका था. अदालत ने दोनों उल्लंघनों के लिए मुआवजे का आदेश देने के यूक्रेन के अनुरोध को खारिज कर दिया और केवल रूस को संधियों का पालन करने का आदेश दिया.


हालांकि यूक्रेन के प्रतिनिधि एंटोन कोरिनेविच ने जोर देकर कहा कि यह फैसला कीव के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे साबित होता है कि रूस ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है. फैसले के बाद उन्होंने कहा, 'यह पहली बार है कि आधिकारिक तौर पर, कानूनी तौर पर रूस को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघनकर्ता कहा गया है.'


यूक्रेन ने 2017 में दायर किया था केस
यूक्रेन ने 2017 में ICJ, जिसे विश्व न्यायालय भी कहा जाता है, में मुकदमा दायर किया था. इसमें मॉस्को पर यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों को फंडिंग करके आतंकवाद विरोधी संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था.


अदालत के जजों ने कहा कि मॉस्को ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग के संभावित आरोपों की जांच न करके संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद विरोधी संधि का उल्लंघन किया.


16-न्यायाधीशों के पैनल ने रूस को आतंकवाद की फंडिंग के किसी भी संभावित आरोप की जांच करने का आदेश दिया, लेकिन क्षतिपूर्ति के लिए कीव के अनुरोध को खारिज कर दिया.


एमएच17 मामले में फैसला देने से इनकार
अदालत ने एमएच17 को गिराए जाने पर फैसला देने से इनकार कर दिया और कहा कि आतंकवाद फंडिंग का उल्लंघन केवल मौद्रिक और वित्तीय मदद पर लागू होता है, हथियारों की सप्लाई या ट्रेनिंग पर नहीं, जैसा कि यूक्रेन ने आरोप लगाया है.


यूक्रेन ने तर्क दिया था कि रूस ने विमान को मार गिराने वाली मिसाइल प्रणाली की सप्लाई की थी, लेकिन उसने उस मामले में वित्तीय मदद का आरोप नहीं लगाया था.


पिछले जून में हेग की अदालत में एक सुनवाई में, रूस ने यूक्रेन के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि उसने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों को पैसा दिया और नियंत्रित किया. मॉस्को ने इसे काल्पनिक और ‘सरासर झूठ’ बताया.


बता दें कीव ने रूस पर जुलाई 2014 में एमएच 17 को मार गिराने वाले विद्रोहियों सहित रूसी समर्थक बलों मदद करने और फंडिंग करने का आरोप लगाया था. विमान में सभी 298 यात्रियों और चालक दल की मौत हो गई थी.


क्रीमिया में यूक्रेनी भाषा का मुद्दा
यूक्रेन ने आरोप लगाया कि क्रीमिया में, रूस जातीय टाटारों और यूक्रेनियन की संस्कृति को मिटाने की कोशिश कर रहा है. अदालत ने टाटारों से संबंधित सभी दावों को खारिज कर दिया लेकिन पाया कि मॉस्को ने यूक्रेनी भाषा शिक्षा का समर्थन करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए.


आईसीजे के फैसले अंतिम और अपील के बिना होते हैं, लेकिन उसके पास अपने फैसलों को लागू करने का कोई तरीका नहीं है.


शुक्रवार को, ICJ एक अन्य मामले में फैसला सुनाएगा जिसमें यूक्रेन ने मॉस्को पर 24 फरवरी, 2022 के आक्रमण को सही ठहराने के लिए 1948 नरसंहार कन्वेंशन को गलत तरीके से लागू करने का आरोप लगाया है.