Canada: खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर को कनाडा की संसद में किया गया याद, सांसदों ने रखा मौन
Parliament of Canada: हाउस ऑफ कॉमन्स में पहले स्पीकर ग्रेग फर्गस ने निज्जर को लेकर शोक संदेश पढ़ा. इसके बाद सभी सांसदों से निज्जर के लिए एक मिनट का मौन रखा.
Hardeep Singh Nijjar News: खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की बरसी पर उसे सम्मान देते हुए कनाडा की संसद में एक मिनट का मौन रखा गया. ग्लोबल न्यूज ने यह जानकारी दी. हाउस ऑफ कॉमन्स में पहले स्पीकर ग्रेग फर्गस ने निज्जर को लेकर शोक संदेश पढ़ा और उसके बाद सभी सांसदों से निज्जर के लिए मौन रखने को कहा.
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो के बीच मुलाकात के बाद दोनों देशों के संबंधों के सामान्य होने की उम्मीद जगी थी.
दक्षिणी इटली के अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई यह बैठक खालिस्तान समर्थक चरमपंथ को लेकर तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों के बीच पहली बैठक थी.
पिछले साल 18 जून को हुई थी हत्या
बता दें भारत द्वारा आतंकवादी घोषित किए गए निज्जर की पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बता दें भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था.
ड्रूडो के आरोपों के बाद भारत-कनाडा रिश्तों में आया तनाव
इसके बाद 18 सितंबर 2023 को संसद में बोलते हुए पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई अधिकारी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के शामिल होने का आरोप लगाया था.
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ बताते हुए खारिज कर दिया था.
मोदी-ट्रुडो बैठक पर कनाडा का बयान
इटली में प्रधानमंत्री मोदी और कनाडा के पीएम जस्टिस ट्रूडो की बैठक के तुरंत बाद, कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि नेताओं ने ‘द्विपक्षीय संबंधों पर संक्षिप्त चर्चा’’ की, जिस दौरान ट्रूडो ने मोदी को उनके दोबारा निर्वाचित होने पर बधाई भी दी.
कनाडा की प्रेस समाचार एजेंसी ने प्रवक्ता एन-क्लारा वैलानकोर्ट के हवाले से कहा, ‘बेशक, इस समय हमारे दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण मुद्दे हैं. आप समझ सकते हैं कि हम इस समय कोई और बयान नहीं देंगे.’
भारत कहता रहा है कि कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा अपनी जमीन से संचालित हो रहे खालिस्तान समर्थक तत्वों को जगह दे रहा है.
भारत ने कनाडा को बार-बार अपनी ‘गहरी चिंताओं’ से अवगत कराया है और नई दिल्ली को उम्मीद है कि ओटावा उन तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)