नई दिल्ली: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बार-बार सिर उठाने से तंग आ चुकी दुनिया जहां कोविड वैक्‍सीनेशन (Covid Vaccination) के रूप में ही बचाव का एक अहम रास्‍ता खोज रही है. इसी बीच कुछ लोग वैक्‍सीनेशन को गलत ठहराने में जुटे हुए हैं. सिंगापुर (Singapore) के एक डॉक्‍टर ने तो इस मामले में सारी हदें पार कर दीं. उसने न केवल रोगियों को कोविड वैक्‍सीन से वंचित रखा, बल्कि सिंगापुर के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय में टीकाकरण का झूठा डेटा अपलोड किया. पता चला है कि यह डॉक्‍टर टीकाकरण का विरोध करने वाले एक समूह से जुड़ा हुआ है.


कोविड वैक्‍सीन के नाम पर दे रहा था सलाइन सॉल्‍यूशन 


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डॉ. जिप्‍सन क्‍वाह (Dr Jipson Quah) नाम का यह 33 वर्षीय मेडिकल प्रैक्टिशनर लोगों को COVID-19 वैक्सीन के बजाय इंजेक्‍शन में सलाइन सॉल्यूशन (Saline Solution) भरकर लगा रहा था. इस कारण कई रोगी कोविड वैक्‍सीन लेने से वंचित रह गए और जाहिर है यह स्थिति उनके लिए जानलेवा साबित हो सकती है. इतना ही नहीं उसने स्वास्थ्य मंत्रालय में वैक्‍सीनेशन की गलत जानकारी भी अपलोड की हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला सामने आने के बाद सिंगापुर मेडिकल काउंसिल ने उसे 18 महीनों के लिए सस्‍पेंड कर दिया है. काउंसिल ने कहा कि लोगों की सुरक्षा और जनहित के लिए डॉ.क्‍वाह का मेडिकल प्रैक्टिशनर के रूप में पंजीकरण निलंबित करना जरूरी था. 


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गलत टेस्‍ट रिपोर्ट भी कीं अपलोड 


काउंसिल ने बताया कि डॉ. क्‍वाह ने मरीजों से जमकर पैसे लिए और कोविड वैक्‍सीन के नाम पर इंजेक्‍शन में सलाइन सॉल्‍यूशन भरकर लगाया. इसके अलावा उसने एक अनवैक्‍सीनेटेड मरीज की MOH के पोर्टल पर गलत COVID-19 एंटीजन रैपिड टेस्ट (ART) रिपोर्ट भी अपलोड की, इससे उसे उन सुरक्षा उपायों से राहत मिली जो वैक्‍सीनेटेड लोगों के लिए थे. 


अब काउंसिल ने इस मामले को देखने के लिए एक स्वतंत्र शिकायत समिति नियुक्त की है. डॉ. क्‍वाह के अलावा उसके सहायक थॉमस चुआ चेंग सून पर भी धोखा देने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है.