Spacex Starship: दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट, स्टारशिप का तीसरा टेस्ट हुआ, लेकिन इसमें कुछ काम अधूरा रह गया. टेक्सास के बोका चिका से 14 मार्च को शाम 6:55 बजे लॉन्च किया गया यह रॉकेट अंतरिक्ष में गया, लेकिन पृथ्वी के वातावरण में वापसी के दौरान 65 किलोमीटर की ऊंचाई पर उससे संपर्क टूट गया. स्पेसएक्स ने कहा कि स्टारशिप रीएंट्री के दौरान सर्वाइव नहीं कर पाया, हालांकि उसने उड़ान के दौरान कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं हैं.


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असल में दुनिया के तीसरे सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने 'स्टारशिप' नाम का रॉकेट बनाया है. यह रॉकेट 397 फीट ऊंचा है और पूरी तरह से रीयूजेबल है. यानी इसे बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है.



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स्टारशिप: अंतरिक्ष यान और रॉकेट का संगम
स्टारशिप नाम दो चीजों के मेल से बनता है: स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी रॉकेट. जब ये दोनों मिलते हैं, तो यह एक विशालकाय अंतरिक्ष यान बन जाता है, जिसकी ऊंचाई 397 फीट (121 मीटर) होती है. यह 150 मीट्रिक टन भार ले जा सकता है, जो कि किसी भी अन्य अंतरिक्ष यान से कहीं अधिक है.


स्टारशिप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरी तरह से रियूजेबल है, इसका बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है. यह एक साथ 100 लोगों को मंगल ग्रह पर ले जाने में सक्षम है. योजना यह थी कि स्टारशिप को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और फिर धरती पर पानी पर उतारा जाएगा.


पहला और दूसरा टेस्ट भी असफल..
स्टारशिप का इससे पहले टेस्ट 18 नवंबर 2023 को किया गया था. लॉन्चिंग के बाद इसमें विस्फोट होने से यह असफल हो गया था. इससे भी पहले यानी पहला प्रयास 20 अप्रैल 2023 को किया गया था. स्टारशिप का पहला ऑर्बिटल टेस्ट किया गया था. यह लॉन्च होने के 4 मिनट बाद विस्फोट कर गया था.