Mysterious Prisoner: वैसे तो सीरिया लंबे समय से अस्थिरता और हिंसा की चपेट में रहा है. यहां तक कि वहां की जेलों का नाम अक्सर यातनाओं और मानवाधिकार हनन के लिए सुर्खियों में रहता है. ऐसी ही एक जेल है सैदनाया जेल जिसे नरक के नाम से भी जाना जाता है. इसी बीच एक बड़ी घटना यहां से सामने आई है. हाल ही में इस जेल से एक रहस्यमय कैदी की रिहाई हुई है जिसने न केवल जॉर्डन बल्कि पूरे मध्य पूर्व में हलचल मचा दी. इस कैदी के बारे में दुनियाभर की मीडिया का ध्यान गया है. इसका कारण इस कैदी की कहानी है. आइए इसे जान लेते हैं.


38 साल बाद इस कैदी की वापसी


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दरअसल, बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस कैदी का नाम ओसामा है. रिपोर्ट के मुताबिक जॉर्डन के इरबिद शहर के रहने वाले 83 वर्षीय बशीर अल-बतायनेह अपने बेटे ओसामा की 38 साल से खोज कर रहे थे. ओसामा ने स्कूल की छुट्टियों में सीरिया जाने की बात कही थी, लेकिन वहां से वह कभी वापस नहीं लौटा. तीन दशक से अधिक समय के इंतजार के बाद, जब सैदनाया जेल से रिहा एक कैदी ने खुद को इरबिद का निवासी बताया, तो अल-बतायनेह परिवार की उम्मीदें जाग उठीं. लेकिन इस व्यक्ति की याददाश्त खो चुकी थी, और डीएनए टेस्ट भी सामने आ गया है.


परिवारों के दावों से उलझी पहचान


रिहा हुए कैदी की पहचान को लेकर कई दावे सामने आए. रिपोर्ट के मुताबिक किसी ने उसे सीरिया के तर्तूस शहर का निवासी बताया, तो किसी ने दावा किया कि वह 1986 में बेरूत से अगवा एक व्यक्ति है. तर्तूस के ग्रामीण क्षेत्र की एक महिला ने उसे अपने रिश्तेदार हबीब सादेह के रूप में पहचाना. इसी बीच, जॉर्डन के कासिम बश्तावी और उनके परिवार ने भी उसे अपना चचेरा भाई अहमद माना, जो एक फिलिस्तीनी लड़ाका था और लेबनान से अगवा किया गया था.


सच्चाई के लिए DNA पर टिकी उम्मीदें


अब कई परिवार डीएनए टेस्ट कराने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि पता चल सके कि यह रहस्यमय कैदी किसका रिश्तेदार है. जॉर्डन के पूर्व श्रम मंत्री निदाल अल-बतायनेह ने उन सभी परिवारों से डीएनए नतीजे भेजने की अपील की है, जिन्हें लगता है कि यह व्यक्ति उनका खोया हुआ रिश्तेदार हो सकता है.


अल-बतायनेह परिवार की टूटी उम्मीदें


ओसामा के पिता ने अपने बेटे को खोजने के लिए हर संभव कोशिश की थी. उनकी मां ने दुख के कारण अपनी आंखों की रोशनी तक खो दी और बेटे के इंतजार में उनकी मौत हो गई. डीएनए टेस्ट से निराश होने के बावजूद, अल-बतायनेह परिवार ने अपने बेटे की तलाश नहीं छोड़ी है. परिवार का कहना है कि जब तक उन्हें स्पष्ट प्रमाण नहीं मिलता, वे ओसामा की तलाश जारी रखेंगे. इनका डीएनए टेस्ट ओसामा से मैच नहीं किया है.


सीरिया की जेलों के भयावह सच


उधर रिपोर्ट्स के मुताबिक सीरिया की जिस सैदनाया जेल से यह रहस्यमय क़ैदी रिहा हुआ, वह मानवाधिकार संगठनों के अनुसार अत्याचार और नरसंहार का प्रतीक है. यहां कैदियों को यातनाएं दी जाती हैं और शवों को एसिड में गला दिया जाता है. फिलहाल इस एक घटना ने फिर से सीरिया की जेलों के भयावह हालात और वहां बंद हजारों लापता लोगों की स्थिति को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं. Photo: AI