Taliban bans women voice: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार जब से आई है, महिलाओं के अधिकार और उनकी स्वतंत्रता पर ही सबसे अधिक पांबदी लगी है, ऐसे-ऐसे कानून बनाए गए, जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे.  तालिबान ने महिलाओं के बोलने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.


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तालिबानी कानून 
तालिबान ने सत्ता पर काबिज होते ही महिला विरोधी रूप दिखाना आरंभ कर दिया था, अब जब तालिबान अफगानिस्तान में 3 साल सत्ता को पूरा करने वाला है तो उसने महिलाओं पर और भी खतरनाक कानून थोप दिया है. नए कानून के तहत औरतें अब सार्वजनिक स्थानों पर न ही बात कर सकती हैं न ही अपना चेहरा दिखा सकती हैं.  बताया जा रहा है कि इस कानून को नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए लागू किया गया है. इस कानून को बुधवार को तब लागू किया गया, जब इसे सर्वोच्च नेता अखूनदजद ने मंजूरी दे दी है..


तालिबान ने पहली बार जारी किए कानून
हाल ही में जारी किए 114 पन्नों के दस्तावेज में 35 अनुच्छेद में बुरे और अच्छे गुणों के कानूनों पर विस्तार से बताया गया है. तालिबान के सत्ता में आने के बाद से इस तरह से नियमों को पहली बार औपचारिक रूप से जारी किया गया है। मंत्रालय के प्रवक्ता मौलवी अब्दुल गफर फारूक ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि हम आपको आश्वासन देते हैं कि यह इस्लामी कानून सद्गुणों को बढ़ावा देने और बुराई को खत्म करने में बहुत मदद करेगा.


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नहीं दिख सकता चेहरा
बुधवार को जारी किए गए इन नियमों में महिलाओं के आने-जाने, संगीत और पुरुषों के साथ बातचीत को लेकर कड़ी सख्ती कर दी गई है. इन नियमों को तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा की मंजूरी के बाद जारी किया गया है. नए नियमों में महिलाओं को बाहर निकलने पर खुद को पूरी तरह से ढंकना आवश्यक कर दिया गया है. इसके साथ ही महिलाओं के चटक रंग के कपड़े पहनने को लेकर भी सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं.


बात करना बैन
अफगानिस्तान के तालिबान शासकों ने सार्वजनिक रूप से महिलाओं की आवाज़ पर अंकुश लगाने के लिए कड़े नए कानून लागू किए हैं. अनुच्छेद 13 में कहा गया है कि महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपने शरीर को पूरी तरह से ढंकना चाहिए और 'प्रलोभन' को रोकने के लिए चेहरे को ढंकना सुनिश्चित करना चाहिए. उनके कपड़े पतले, तंग या छोटे नहीं होने चाहिए. इसके अतिरिक्त, कानून किसी महिला की आवाज़ को सार्वजनिक स्थानों पर सुनने के लिए बहुत अंतरंग मानते हैं, महिलाओं को गाने, सुनाने या ज़ोर से पढ़ने पर प्रभावी रूप से प्रतिबंध लगाते हैं. 


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तालिबान का खौफनाक कानून
जब से तालिबान की सरकार 2021 से सत्ता में आई है, तभी से अफगानिस्तान की महिलाओं के लिए बुरी स्थिति शुरू हो गई. तालिबान ने जब सरकार बनाई, तब वादा किया था कि वह 20 साल पुराने तालिबान की तरह नहीं होगा, बल्कि उदार तालिबान होगा. लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है, तालिबान लगातार लोगों खासकर महिलाओं की स्वतंत्रता और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के विरुद्ध अपने फरमान जारी करता रहता है. कभी एजुकेशन, तो कभी रेडियो स्टेशन चलाने, कभी ब्यूटीपार्लर बंद करने जैसे फरमान पहले ही तालिबान जारी कर चुका है.


महिलाओं को सरेआम मारे जाएंगे कोड़े... पत्थर मारकर दी जाएगी मौत
तालिबान प्रमुख मुल्ला हिबतुल्ला अखुंदजादा ने घोषणा की थी कि व्यभिचार के लिए हम महिलाओं को सरेआम कोड़े मारेंगे और सार्वजनिक रूप से पत्थरों से मार-मार कर उन्हें मार डालेंगे. तालिबान शासन में महिलाओं के अधिकारों के दमन के सवाल पर अखुंदजादा ने कहा कि ये सब आपके लोकतंत्र के खिलाफ हैं, लेकिन हम ऐसा करना जारी रखेंगे. हम दोनों कहते हैं कि हम मानवाधिकारों की रक्षा करते हैं. हम इसे भगवान के प्रतिनिधि के रूप में करते हैं और आप शैतान के प्रतिनिधि के रूप में करते हैं.


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