Israel-Iran Tensions: कनाडा सरकार ने बुधवार को कहा कि उसने मध्य पूर्व में जारी तनाव के बीच अपने राजनयिकों के बच्चों और अभिभावकों को इजरायल से बाहर निकालने का फैसला किया है. ईरान में फिलिस्तीनी इस्लामी ग्रुप हमास के पॉलिटिकल विंग के नेता इस्माइल हनिया और बेरूत में हिजबुल्लाह के सैन्य कमांडर फुआद शुकर की हत्या ने मध्य पूर्व में व्यापक युद्ध छिड़ने का खतरा बढ़ा दिया है. ईरान, हिजबुल्लाह और हमास ने इन हत्याओं के लिए इजरायल को दोषी ठहराया है. तेहरान ने कसम खाई है कि वह यहूदी राष्ट्र से हनिया की मौत का बदला लेगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रॉयटर्स के मुताबिक ग्लोबल अफेयर्स कनाडा ने कहा कि उसने राजनयिकों के बच्चों और उनके अभिभावकों को सुरक्षित तीसरे देश में अस्थायी रूप से ट्रांसफर करने की मंजूरी दे दी है. बयान में कहा गया कि वेस्ट बैंक के रामल्लाह और बेरूत में तैनात राजनयिकों के साथ उनके आश्रित नहीं रहते हैं.


कनाडा की यात्रियों को इजरायल की यात्रा से बचने की सलाह
इससे पहले कनाडा ने शनिवार को अपने नागरिकों को चेतावनी दी कि वे इजरायल की यात्रा करने से बचें, क्योंकि इस क्षेत्र में संघर्ष जारी है और सुरक्षा स्थिति अप्रत्याशित है. कनाडा ने अपने नागरिकों से गाजा और पश्चिमी तट की यात्रा न करने की भी अपील की.


कनाडा सरकार ने कहा कि तेल अवीव और बेरूत में दूतावास और पश्चिमी तट में फिलिस्तीनी प्राधिकरण का प्रतिनिधि कार्यालय 'सभी पूरी तरह से चालू हैं और कनाडाई लोगों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करना जारी रखे हुए हैं.'


एक और युद्ध नहीं झेल सकता मध्यपूर्व
मध्य पूर्व पहले ही गाजा युद्ध की वजह से संकटों में घिरा हुआ है ऐस में अगर कोई दूसरी जंग छिड़ती है तो यह इलाका बेहद गंभीर स्थिति में आ जाएगा.


बता दें 7 अक्टूबर को शुरू हुआ जब फिलिस्तीनी ग्रुप हमास ने इजरायल पर हमला किया, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और लगभग 250 बंधक बना लिए गए. इसके बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया और फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाले गाजा पट्टी पर हमले शुरू कर दिए.


गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि तब से हमास शासित एन्क्लेव पर इजरायल के सैन्य हमले में लगभग 40,000 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, साथ ही 2.3 मिलियन की पूरी आबादी को विस्थापित कर दिया है और नरसंहार के आरोप लगाए हैं, जिसका इजरायल खंडन करता है.