अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फारसी में किया ट्वीट, जानें क्या है वजह
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ईरान (Iran) में प्रदर्शनकारियों को फांसी की सजा दिए जाने के विरोध में फारसी भाषा में ट्वीट करते हुए कहा कि यह दुनिया के लिए भयानक संकेत है. ईरान की अदालत ने पिछले साल ईंधन संकट के चलते हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल तीन लोगों की फां
वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ईरान (Iran) में प्रदर्शनकारियों को फांसी की सजा दिए जाने के विरोध में फारसी भाषा में ट्वीट करते हुए कहा कि यह दुनिया के लिए भयानक संकेत है. इस बीच, भारी विरोध को देखते हुए ईरान सरकार ने फिलहाल फांसी पर रोक लगा दी है. सोशल मीडिया पर इस फैसले के विरोध में अभियान चल रहा है और बड़ी तादाद में लोग उससे जुड़ रहे हैं. बुधवार को इसके मद्देनजर कुछ देर के लिए इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई थी.
ईरान की सर्वोच्च अदालत ने पिछले साल ईंधन संकट के चलते हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल तीन लोगों की फांसी की सजा बरकरार रखी है. इसी के विरोध में ट्रंप ने फारसी में ट्वीट किया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने हैशटैग #StopexEcutionsInIran के साथ लिखा, ‘विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए ईरान में तीन लोगों को मौत की सजा दी गई और जल्द ही उन्हें फांसी पर लटका दिया जाएगा. ईरान के इस कदम से दुनिया में खौफनाक संदेश जाएगा, लिहाजा इस पर रोक लगाई जानी चाहिए’.
गौरतलब है कि पिछले साल जब तेल के दामों में रातोंरात जबरदस्त इजाफा किया गया, तो लोग भड़क गए. बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर जमा होकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान लूटपाट, आगजनी की घटनाओं और सरकारी इमारतों पर हमले को भी अंजाम दिया गया. इसी सिलसिले में अदालत ने तीन प्रदर्शनकारियों को दोषी करार देते हुए उनकी फांसी की सजा को बरकरार रखा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन तीन लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है, जिसमें 26 वर्षीय सेलफोन विक्रेता अमीरहोसिन मोराडी (Amirhossein Moradi), 28 वर्षीय छात्र सैद तमजीदी (Said Tamjidi) और 26 वर्षीय मोहम्मद राजाबी (Mohammad Rajabi) शामिल हैं.
विरोध प्रदर्शन के बाद ईरान सरकार ने दावा किया था कि इसमें अमेरिका, सऊदी अरब और इजराइल का हाथ है. यही वजह है कि प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई की गई और तीन को मौत की सजा सुनाई गई. ईरानी अदालत के इस फैसले की आलोचना हो रही है. लोगों का कहना है कि प्रदर्शन में शामिल होने की इतनी बड़ी सजा नहीं दी जा सकती.