World News in Hindi: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने सहयोगियों को यूक्रेनी सेना को एफ-16 लड़ाकू विमान के परिचालन संबंधी प्रशिक्षण की मंजूरी दे दी है. इससे भले ही ऐसा प्रतीत होता है कि अमेरिका के कदम में अचानक बदलाव आया है, लेकिन ऐसा कतई नहीं है. वास्तविकता यह है कि अमेरिका का यह कदम सहयोगियों के साथ कई महीनों तक चली आंतरिक और शांतिपूर्ण विचार-विमर्श के बाद उठाया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इससे भले ही ऐसा प्रतीत होता है कि अमेरिका के कदम में अचानक बदलाव आया है, लेकिन ऐसा कतई नहीं है. वास्तविकता यह है कि अमेरिका का यह कदम सहयोगियों के साथ कई महीनों तक चली आंतरिक और शांतिपूर्ण विचार-विमर्श के बाद उठाया गया है.


प्रशासन को लंबे समय से थी ये चिंता
प्रशासन की लंबे समय से यह चिंता बनी हुई थी कि इस तरह के कदम से रूस के साथ तनाव बढ़ सकता है. अमेरिकी अधिकारियों ने यह भी तर्क भी रखा कि एफ-16 के परिचालन से संबंधी प्रशिक्षण देना कठिन होगा और ज्यादा समय भी लगेगा.


विचार-विमर्श में शामिल में रहे तीन अधिकारियों के अनुसार, तीन महीने तक चले मंथन के बाद प्रशासन का रुख इस ओर बदला कि यूक्रेन की दीर्घकालिक सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए उनके पायलटों को आवश्यक प्रशिक्षण और विमान उपलब्ध कराने का यह सही समय है.


फरवरी में ‘एबीसी’ के डेविड मुइर के साथ एक इंटरव्यू में बाइडन ने इस बात पर जोर दिया था कि यूक्रेन को ‘अब एफ-16 की आवश्यकता नहीं है’ और ‘मैं फिलहाल इसे खारिज कर रहा हूं.’


जेलेंस्की ने कहा यूक्रेन को 42 एफ-16 मिलेंगे
बता दें 20 अगस्त को यूक्रेन के राष्ट्रपति राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि पायलटों की ट्रेनिंग के बाद यूक्रेन को कम से कम 42 एफ-16 लड़ाकू विमान मिलेंगे. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, जेलेंस्की ने रविवार को आइंडहोवन में डच सैन्य अड्डे पर नीरदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रुटे के साथ बैठक के बाद एक टेलीग्राम पोस्ट में लिखा, ‘एफ-16, एक निर्णायक समझौता... धन्यवाद, नीदरलैंड.’


इससे पहले शनिवार को यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेज़निकोव ने कहा कि यूक्रेनी पायलटों और सहायक कर्मचारियों के लिए एफ-16 की ट्रेनिंग शुरू हो गई है. उन्होंने कहा, ट्रेनिंग प्रोग्राम कम से कम छह महीने तक चलेगा.