King Tutankhamun: मिस्र के फैरो यानी राजा तूतनखामेन का निधन महज 18 साल की उम्र में हो गया था. 9 साल की उम्र में वो राजा बना और करीब 9 साल तक राजा रहा. वैसे तो तूतनखामेन(tutankhamun egypt king) को मिस्र का साधारण राजा माना जाता था लेकिन वो सबसे अधिक चर्चा के केंद्र में रहा. महज 9 साल के शासनकाल में उसकी काबिलियत को कैसे परखा जा सकता है. इस विषय पर अभी भी अधिक जानकारी नहीं है. हालांकि चर्चा के केंद्र में वो तब आया जब उसकी कब्र में तीन हजार से अधिक खजाने मिले. तूतनखामेन(tut the mummy) की मौत के पीछे की वजह पर आज भी रहस्य कायम है. अलग अलग थ्योरी पेश की जाती है जिसमें तीन थ्योरी खास है.


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18 साल में मौत


तूतनखामेन(king tutankhamun) की 18 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई। कई वर्षों तक यह माना जाता रहा कि उसकी मौत एक संक्रमित टूटे हुए पैर से हुई.  2010 में, वैज्ञानिकों को तूतनखामुन के अवशेषों में मलेरिया परजीवियों के निशान मिले जिससे संकेत मिला कि मलेरिया, शायद अपक्षयी हड्डी रोग के साथ मिलकर मौत का कारण हो सकता है.



मौत की तीन वजह


-सेप्टिसीमिया- रक्तप्रवाह संक्रमण


-वसा एम्बोलिज्म (धमनी में वसा का निकलना) जो फीमर फ्रैक्चर के कारण होता है.


-सिर के पिछले हिस्से पर वार करके हत्या


इस वजह पर खास जोर


इन तीन वजहों में शोधकर्ता बताते हैं कि सिर के पिछले हिस्से में वार एक बड़ी वजह हो सकती है. तूतनखामेन जब मिस्र का राजा बना उस वक्त उसके कई दुश्मन थे. उसे दरबारी षड़यंत्रों का सामना भी करना पड़ा था. ऐसा हो सकता है कि दरबारी षड़यंत्र में उसे धोखे से मार गया हो. तूतनखामेन के सिर के पिछले हिस्से में जिस तरह से वार किया गया था वो इस बात की तरफ संकेत करता है कि वो दरबारी कामकाज निपटा कर अपने शयनकक्ष की तरफ बढ़ा होगा और कुछ दरबारी हमलावरों ने ही उसे धोखे से मार दिया होगा क्योंकि किसी तरह के प्रतिरोध के निशान नहीं हैं.  इसके अलावा सेप्टीसेमिया को भी मौत का आधार बनाया गया है. शोधकर्ता बताते हैं कि मिस्र में जिस समय वो राज कर रहा था उस समय इलाज की वो व्यवस्था नहीं थी जिससे उसके रोग का निदान हो सके.


लोकप्रिय रहा होगा तूतनखामेन


अब तूतनखामेन की मौत के पीछे जो भी वजह हो यह बात तो साफ है कि महज 9 साल की उम्र में राजा बनना किसी को रास नहीं आया था. दरबार में उससे जुड़े खास लोग ही इस बात को पसंद नहीं कर पा रहे थे कि कोई लड़का कैसे उन्हें निर्देश जारी कर सकता है. लेकिन जिस तरह से उसके मकबरे में अकूत खजाना मिला वो इस बात की तरफ भी इशारा करता है कि तूतनखामेन लोकप्रिय भी रहा होगा. अगर वो लोकप्रिय नहीं रहा होता तो उसकी कब्र में इतना खजाना नहीं रखा गया होता