US-China Relations: तनाव के बीच संवाद की कोशिश, अमेरिकी NSA का चीन दौरा, क्या हैं इसके मायने?
US-China: अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने गुरुवार को एक शीर्ष चीनी सैन्य अधिकारी से मुलाकात की. इस बैठक को खासा अहम माना जा रहा है.
US-China Relations: अमेरिका और चीन के बीच जारी रहने वाली खींचतान किसी से छिपी नहीं है. खासतौर से दक्षिण चीन सागर और ताइवान के मुद्दों ने दोनों देशों के रिश्तों को खासा नुकसान पहुंचाया है. हालांकि बीजिंग और वॉशिंगटन अब तनाव को तनाव को कम करने के लिए बातचीत बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. इसी कोशिश के तहत अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने गुरुवार को एक शीर्ष चीनी सैन्य अधिकारी से मुलाकात की.
‘व्हाइट हाउस’ ने एक दिन पहले कहा था कि दोनों देश आगामी सप्ताहों में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच फोन पर बातचीत का प्रबंध करेंगे.
सुलिवन का विदेश दौरा
सुलिवन तीन दिवसीय यात्रा पर चीन गए थे. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में यह चीन की उनकी पहली यात्रा थी जिसका उद्देश्य संघर्ष से बचने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करना था.
इस यात्रा के दौरान उन्होंने चीन के विदेश मंत्री और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष विदेश नीति अधिकारी वांग यी के साथ भी मुलाकात की.
बेहद 'खास' बैठक
सुलिवन की गुरुवार को जनरल झांग यूक्सिया के साथ बैठक हुई, जो ‘सेंट्रल मिलिट्री कमीशन’ के दो उपाध्यक्षों में से एक हैं. यह एक ऐसा संगठन है जिसके प्रमुख शी हैं.
किसी अमेरिकी अधिकारी के साथ इस प्रकार की बैठक होना आम नहीं है. यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब दोनों पक्ष जनवरी में अमेरिका का राष्ट्रपति बदलने से पहले संबंधों को समान स्तर पर बनाए रखना चाहते हैं.
झांग ने सुलिवन से कहा, ‘मुझसे मिलने का आपका अनुरोध यह दर्शाता है कि आप सैन्य सुरक्षा और हमारी सेनाओं के बीच संबंधों को कितना महत्व देते हैं.’
सुलिवन और झांग की वार्ता के बाद ‘व्हाइट हाउस’ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने ‘पिछले 10 महीनों में निरंतर एवं नियमित आपसी सैन्य संचार में प्रगति को पहचाना है’’ और उन्होंने निकट भविष्य में कमांडरों के बीच टेलीफोन पर बातचीत के लिए बुधवार को घोषित समझौते का जिक्र किया.
दो साल से संबंध हैं तनावपूर्ण
अगस्त 2022 में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की तत्कालीन स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान का दौरा करने के बाद चीन ने दोनों सेनाओं के बीच और कुछ अन्य क्षेत्रों में संचार को निलंबित कर दिया था. नवंबर में सैन फ्रांसिस्को के बाहर शी और बाइडन की मुलाकात के बाद संचार धीरे-धीरे बहाल हुआ.