वॉशिंगटन: अमेरिका ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान से अपनी सरजमीन पर स्थित आतंकवादियों की पनाहगाह के खिलाफ कार्रवाई करने की उम्मीद करता है. हाल में अफगानिस्तान की यात्रा से लौटे अमेरिका के विदेश उपमंत्री जॉन जे. सुलिवन ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान से यह भी उम्मीद करता है कि वह क्षेत्र में स्थायी शांति बनाने में योगदान देगा. सुलिवन ने अफगानिस्तान से वापस आने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘अफगान नेतृत्व के साथ वार्ता के दौरान मैंने निश्चित ही इस विषय पर बात की.’’ सुलिवन ने कहा, ‘‘हमने पाकिस्तान सरकार को अपनी इस उम्मीद के बारे में यह स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान में स्थित पनाहगाह में मौजूद आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करे ताकि अफगानिस्तान में हिंसा का खतरा और दबाव कम हो सके.’’ 


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सुलिवन ने कहा कि अफगानिस्तान की उनकी यात्रा में उन्हें देश के साथ अपनी साझीदारी को मजबूत करने की अमेरिका की प्रतिबद्धता को फिर से पुष्ट करने का अवसर मिला. उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि इस चरण पर हर किसी के शांति चाहने के बावजूद तालिबान वार्ता की मेज पर आने का इच्छुक प्रतीत नहीं होता.


सुलिवन ने कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान के नेताओं के साथ सुरक्षा सहयोग और समय से, विश्वनीय एवं समावेशी संसदीय एवं राष्ट्रपति चुनाव कराने की महत्ता पर चर्चा की. पेंटागन की मुख्य प्रवक्ता डाना व्हाइट ने भी कहा कि नई दक्षिण एशियाई रणनीति के तहत पाकिस्तान के पास आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साझीदार बनने का अवसर है. उन्होंने कहा, ‘‘वह (पाकिस्तान) आतंकवाद से पीड़ित रहा है और उसने आतंकवाद को सहयोग दिया है. हम चाहते हैं कि वह आतंकवाद का मुकाबला करने में सक्रिय भूमिका निभाए.’’


अफगान हमले को लेकर ट्रंप ने साधा पाकिस्तान पर निशाना, तालिबान के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग


इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान का अप्रत्यक्ष तौर पर जिक्र करते हुए अन्य देशों से तालिबान और उसका समर्थन करने वाले आतंकी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की बीते रविवार (28 जनवरी) को अपील की थी. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के भीड़भाड़ वाले इलाके में विस्फोटकों से भरी एंबुलेंस में शनिवार (27 जनवरी) को विस्फोट हुआ था, जिसमें कम से कम 95 लोग मारे गए और 158 अन्य घायल हो गए थे. यह इस युद्धग्रस्त देश में हाल के वर्षों में हुआ सबसे बड़ा हमला था. तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. इसके बाद ट्रंप ने एक कड़ा बयान दिया था.


ट्रंप ने कहा, तालिबान की क्रूरता नहीं चलेगी   
ट्रंप ने कहा था, ‘अब सभी देशों को तालिबान और उसका समर्थन करने वाले आतंकी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए.’ अमेरिका और अफगानिस्तान दावा करते हैं कि तालिबान पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी पनाहगाहों के कारण ऐसे हमले करता रहा है. हालांकि पाकिस्तान इस आरोप का लगातार खंडन करता रहा है. ट्रंप ने कहा, ‘मैं बीते 27 जनवरी को काबुल में हुए घृणित कार बम हमले की निंदा करता हूं कि जिसमें कई निर्दोष नागरिक मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए. यह क्रूर हमला हमारे और हमारे अफगान साझेदारों के संकल्प को मजबूत करता है.’ अफगानिस्तान को आतंकवादियों से मुक्त कराने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए ट्रंप ने कहा, ‘तालिबान की क्रूरता नहीं चलेगी.’