इस्लामाबाद: अमेरिका ने पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने वाले चुनावों में आतंकी संगठन लश्कर - ए - तैयबा से संबद्ध लोगों के खड़े होने पर चिंता व्यक्त की है. मीडिया में आई खबरों में यह बात कही गई. इसमें कहा गया कि अमेरिका ने अपनी चिंताओं से पाकिस्तान को अवगत करा दिया है. साथ ही यूरोपीय संघ ने भी पाकिस्तान से चुनावों के लिये ‘‘ सुरक्षित और भयमुक्त स्थितियां ’’ बनाने को कहा है. डान अखबार के मुताबिक अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा , ‘‘ लश्कर - ए - तैयबा को लेकर हमनें अपनी चिंताओं से बार - बार पाकिस्तानी सरकार को अवगत कराया है. इसमें लश्कर से जुड़े व्यक्तियों के चुनाव लड़ने की भी बात है. ’’


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विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी निर्वाचन आयोग ने जून में मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) के पंजीकरण को रद्द कर दिया था और इसकी वजह लश्कर से उसके संबंधों को बताया था. लश्कर अंतरराष्ट्रीय रूप से प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है. बयान में यह भी कहा गया कि विदेश विभाग ने अप्रैल में लश्कर की विदेशी आतंकवादी संगठन की स्थिति में भी बदलाव किया था जिससे एमएमएल को लश्कर के सहयोगी के तौर पर जोड़ा जा सके. 


पाकिस्तान: प्रमुख दलों के लिए मुसीबत बनीं धार्मिक पार्टियां, 460 प्रत्याशी मैदान में उतारे
 पाकिस्तान में धार्मिक पार्टियों ने 25 जुलाई को होने वाले नेशनल एसेंबली के आम चुनाव के लिए 460 से अधिक प्रत्याशी उतारे हैं जो अपने आप में एक रिकार्ड है. पाकिस्तानी चुनाव आयोग (इीसीपी) ने प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी कर दी है. इसके मुताबिक , नेशनल एसेंबली की 272 आम सीटों के चुनाव के लिए 3,459 प्रत्याशी मैदान में हैं. पाकिस्तानी दैनिक ‘ द नेशन’ की रिपोर्ट के मुताबिक 1970 में जुल्फिकार अली भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पूर्वी एवं पश्चिमी पाकिस्तान में शेख मुजीबुर रहमान के अवामी लीग के प्रत्याशियों के खिलाफ जमात - ए - इस्लामी ने सबसे अधिक प्रत्याशी मैदान में उतारे थे.


2002 में मुत्तहिदा मजलिस - ए - अमाल (एमएमए) ने भी पूरे देश में प्रत्याशी उतारे थे.लेकिन, इस बार यह आंकड़ा सबसे अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार एमएमए , तहरीक - लब्बैक पाकिस्तान , हाफिज सईद की अगुवाई वाली जेडीयू की राजनीतिक शाखा मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) समर्थित अल्लाह - ओ - अकबर तहरीक पार्टी और अन्य छोटे दलों ने 460 से अधिक प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है.


ये प्रत्याशी पाकिस्तान मुस्लिम लीग - नवाज (पीएमएल - एन), पाकिस्तान तहरीक - ए - इंसाफ (पीटीआई) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रत्याशियों के लिए कई सीटों पर चुनावी पांसा पलटने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. 


पाकिस्तान: चुनाव में दक्षिणपंथी धार्मिक उम्मीदवार बढ़ा सकते हैं मुश्किलें
कराची: पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव में अनेक उग्र दक्षिण पंथी संगठनों ने उम्मीदवार खड़े किए हैं जिनसे देश में लोकतांत्रिक तथा उदारवादी ताकतों की मुश्किलें बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है. अंग्रेजी दैनिक ‘द डॉन’ ने अपने संपादकीय में यह अंदेशा जताया है. दैनिक के अनुसार दो नव गठित घोर दक्षिण धार्मिक पार्टियों तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान और अल्लाह- ओ - अकबर तहरीक ने देश के सभी चार सूबे से नेशनल असेंबली की सीटों के लिए 200 से अधिक उम्मीदवार उतारे हैं. अल्लाह - ओ - अकबर तहरीक (एएटी) को आंतकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा का नया अवतार माना जा रहा है.


मिल्ली मुस्लिम लीग को चुनाव आयोग ने मान्यता नहीं दी है 
इसने पंजाब और खैबर पख्तुनख्वा प्रांत से नेशनल असेंबली की 50 सीट के लिए नामांकन दाखिल किए हैं. मुंबई हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद से संबंद्ध मिल्ली मुस्लिम लीग भी एएटी के बैनर तले चुनाव लड़ रही है. मिल्ली मुस्लिम लीग को चुनाव आयोग ने मान्यता नहीं दी है जिसके बाद सईद के लोग पहले से ही बनी एएटी से चुनाव लड़ रहे हैं.  संपादकीय में कहा गया है कि जहां मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों को असाधारण रूप से सख्त जांच का सामना करना पड़ा और अनेक नेताओं को चुनाव लड़ने में काफी संघर्ष करना पड़ रहा है वहीं इन दक्षिणपंथी पार्टियों के उम्मीदवारों को जन विरोध का सामना नहीं करना पड़ा. संपादकीय में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजनीति में दक्षिण पंथी उग्रवादी संगठनों की शिरकत पाकिस्तान के लोकतांत्रिक नागरिकों के लिए बड़ी चिंता का विषय है. 


इनपुट भाषा से भी