वॉशिंगटन: चीन में उइगर मुस्लिमों (Uighur Muslim) पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अमेरिका (America) ने कड़ा रुख अपनाया है. अमेरिका ने एक चीनी संस्था सहित चार शीर्ष अधिकारियों को शिनजियांग प्रांत (Xinjiang region) में उइगरों पर अत्याचार का दोषी ठहराते हुए उन पर प्रतिबंध लगा दिया है. अब ये अधिकारी और इनके परिवार के सदस्य अमेरिका में प्रवेश नहीं कर पाएंगे.


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जिन अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया गया है उसमें शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र (XUAR) के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी सचिव चेन क्वांगो (Chen Quanguo), पूर्व उप पार्टी सचिव झू हैलुन (Zhu Hailun),  शिनजियांग पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो के पार्टी सचिव वैंग मिंगशान (Wang Mingshan) और पूर्व पार्टी सचिव हुओ लियुजुन (Huo Liujun) शामिल हैं. 


अमेरिकी सरकार के इस आदेश में संबंधित चीनी अधिकारियों और संस्था को शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार का उल्लंघन करने, उन्हें शारीरिक यातनाएं देना, बिना किसी अपराध के जेलों में बंद करने आदि का दोषी ठहराया गया है. इस प्रतिबंध के तहत, आरोपी व्यक्तियों से आर्थिक या किसी भी प्रकार का संबंध रखने की मनाही है. 


अमेरिका के मुताबिक, 2016 के बाद से, शिनजियांग प्रांत में बड़े पैमाने पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. चीन सरकार जानबूझकर उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है. उन्हें बेवजह हिरासत में रखा जाता है और यातनाएं की जाती हैं. 2017 के बाद से कम से कम दस लाख से अधिक मुसलमान शिविरों में रहने को मजबूर हैं. 


पिछले महीने प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि चीनी सरकार मुस्लिम आबादी पर अंकुश लगाने के लिए जबरन नसबंदी और गर्भपात करा रही है. रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन मुस्लिमों की आबादी को सीमित करने के लिए मानवाधिकारों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन कर रहा है. इसके लिए लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है, उन्हें जबरन निरोध केंद्र भेजा जा रहा है. शिनजियांग प्रांत में 2015 से 2018 तक उइगरों की जन्म दर में 84 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है और 2019 में भी इसमें कमी देखी गई. चीन ने एक-बच्चे की नीति को छोड़ दिया है, लेकिन उइगरों के लिए यह अब भी लागू है और चीनी सरकार हर तरह से उनकी आबादी को नियंत्रित करने पर अमादा है.  


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चीन के विशेषज्ञ एड्रियन जेंज़ Adrian Zenz) ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ चीन की नीतियों पर एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसमें उन्होंने इन नीतियों को जनसांख्यिकीय नरसंरहार करार दिया है. उन्होंने यह भी बताया है कि चीन ग्रामीण उइगर क्षेत्रों में सामूहिक महिला नसबंदी अभियान चलाने की योजना बना रहा है. इसके तहत उन सभी विवाहित महिलाओं को निशाना बनाया जाएगा, जो बच्चे को जन्म देने में सक्षम हैं. हालांकि, चीन सभी आरोपों को खारिज करता है. उसका कहना है कि अलगाववाद और उग्रवाद से निपटने में उइगर मुस्लिमों को फिर से प्रशिक्षित करने के लिए उन्हें शिविरों में रखा गया है.