अमेरिका की एक अदालत ने एक भारतीय-अमेरिकी दंपत्ति को अपने रिश्तेदार को स्कूल में दाखिला दिलाने का लालच देकर अमेरिका लाने और उसे तीन साल से अधिक समय तक अपने गैस स्टेशन और डिपार्टमेंटल स्टोर पर काम करने के लिए मजबूर करने के आरोप में जेल की सजा सुनाई है.


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हरमनप्रीत सिंह (31) को अदालत ने 135 महीने (11.25 साल) और कुलबीर कौर (43) को 87 महीने (7.25 साल) की जेल की सजा सुनाई. साथ ही अपने चचेरे भाई और पीड़ित को लगभग 1.87 करोड़ रुपये का मुआवजा देने के लिए भी कहा गया है. कपल का अब तलाक हो चुका है.


स्कूल में दाखिला दिलाने का किया झूठा वादा
न्याय विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग की सहायक अटॉर्नी जनरल क्रिस्टन क्लार्क ने कहा, ‘आरोपियों ने पीड़ित के साथ अपने संबंधों का फायदा उठाकर उसे अमेरिका में लाने के लिए झूठे वादे किए कि वे उसे स्कूल में दाखिला दिलाने में मदद करेंगे.’


पीड़ित को मानसिक, शारीरिक तौर पर किया प्रताड़ित
क्लार्क ने कहा, 'प्रतिवादियों ने पीड़ित के इमिग्रेशन डॉक्यूमेंट जब्त कर लिए और न्यूनतम वेतन पर लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर करने के लिए उसे धमकियां दीं, शारीरिक बल का प्रयोग किया,  मानसिक रूप से प्रताड़ित किया.’ उन्होंने कहा, ‘इस सजा से यह कड़ा संदेश जाना चाहिए कि हमारे समुदायों में इस तरह के जबरन मजदूरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’


न्याय विभाग ने कहा कि मुकदमे में पेश किए गए सबूतों से पता चला है कि 2018 में प्रतिवादियों ने उस समय नाबालिग रहे पीड़ित को स्कूल में दाखिला दिलाने में मदद करने का झूठा वादा करके भारत से अमेरिका आने का लालच दिया.


(इनपुट - एजेंसी)


(Symbolic photo- courtesy Reuters)