भारत-रूस की दोस्ती पर आया अमेरिका का नया बयान, अब कह दी ये बड़ी बात
भारत और रूस की दोस्ती (India-Russia Friendship) पर अमेरिका ने नया बयान दिया है और कहा है कि हम दोनों की दोस्ती को नहीं तोड़ना चाहते हैं, जबकि इससे पहले अमेरिका ने कहा था कि एलएसी का उल्लंघन करने पर मॉस्को भारत की मदद नहीं करेगा, क्योंकि चीन और रूस अब साथ हैं.
वॉशिंगटन/नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत पहुंच गए हैं और आज (1 अप्रैल) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे. सर्गेई लावरोव के भारत दौरे पर अमेरिका समेत दुनियाभर के देशों की नजरें टिकी हैं. वहीं अमेरिका ने भारत और रूस की दोस्ती (India-Russia Friendship) पर नया बयान दिया है और कहा है कि हम दोनों की दोस्ती को नहीं तोड़ना चाहते हैं. इससे पहले अमेरिका ने कहा था कि एलएसी का उल्लंघन करने पर मॉस्को भारत की मदद नहीं करेगा, क्योंकि चीन और रूस अब साथ हैं.
'रूस-भारत संबंध में वॉशिंगटन नहीं चाहता बदलाव'
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि मॉस्को के साथ हर देश के अपने संबंध हैं और वॉशिंगटन उसमें कोई बदलाव नहीं चाहता है. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "रूसी संघ के विभिन्न देशों के साथ अपने अलग-अलग संबंध हैं. यह एक ऐतिहासिक तथ्य है और यह भौगोलिक तथ्य भी है. हम इसे बदलना नहीं चाहते हैं.'
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'भारत को हिंसा खत्म करने के लिए करना होगा प्रयास'
नेड प्राइस ने आगे कहा, 'चाहे वह भारत या दुनियाभर के अन्य भागीदार, हम अपने सहयोगियों के संदर्भ में जो कुछ भी कर सकते हैं, वह कर रहे हैं. आज अंतरराष्ट्रीय समुदाय एक स्वर में बोल रहा है. दुनिया रूस की अनुचित, अकारण पूर्व नियोजित आक्रामकता के खिलाफ जोर-शोर से बोल रहा है. भारत सहित तमात देशों को हिंसा को समाप्त करने के लिए प्रयास करना होगा.'
पहले अमेरिका ने दी थी धमकी
इससे पहले भारत को लेकर अमेरिका ने बड़ा बयान दिया था और कहा था कि एलएसी का उल्लंघन करने पर मॉस्को भारत की मदद नहीं करेगा क्योंकि चीन और रूस अब साथ हैं. अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (Deputy NSA) दलीप सिंह ने अपने भारत यात्रा के दौरान एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि कोई भी इस बात पर भरोसा नहीं करेगा कि अगर चीन LAC का उल्लंघन करता है तो रूस भारत की मदद के लिए दौड़ता हुआ आएगा.
दलीप ने कहा कि भारत की रूस से ऊर्जा खरीद फिलहाल अमेरिकी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं करता है, लेकिन हम चाहते हैं कि भारत रूस पर अपनी निर्भरता कम करे. रूस से किफायती दरों पर तेल खरीदने के भारत के फैसले के बारे में पूछे जाने पर दलीप ने कहा कि अमेरिका भारत की ऊर्जा और डिफेंस इक्विपमेंट की जरूरत पूरा करने के लिए तैयार है.
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