US Supreme Court: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस बात पर विचार करेगा कि क्या व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली गर्भपात दवा की राष्ट्रव्यापी पहुंच को बैन किया जाए. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को शीर्ष अदालत की घोषणा मिफेप्रिस्टोन दवा से संबंधित है, जो किसी अन्य दवा के साथ मिलकर अमेरिका में गर्भपात के सबसे आम तरीकों में से एक है. इस ताजा मामले का फैसला जुलाई 2024 तक आ सकता है.


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व्हाइट हाउस ने दिया ये बयान
घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए, व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन की दवा के ‘सुरक्षित और प्रभावी’ अनुमोदन और विनियमन का समर्थन करना जारी रखेगा.


सीएनएन ने व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे के हवाले से कहा, "जैसा कि न्याय विभाग सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एफडीए (खाद्य और औषधि प्रशासन) की कार्रवाइयों का बचाव करना जारी रखता है, राष्ट्रपति बाइडेन और उपराष्ट्रपति हैरिस प्रजनन देखभाल तक महिलाओं की क्षमता की रक्षा के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं."


दो दशकों से हो रहा है मिफेप्रिस्टोन का इस्तेमाल
मिफेप्रिस्टोन को मेडिकल समुदाय ने सुरक्षित और प्रभावी माना है. दो दशकों से अधिक समय से देश भर में लाखों महिलाओं द्वारा इसका उपयोग किया जा रहा है.


दवा को शुरुआत में 2000 में एफडीए द्वारा अनुमोदित किया गया था, लेकिन 2016, 2019 और 2021 में, एजेंसी ने ऐसे संशोधन किए, जो मिफेप्रिस्टोन को अधिक आसानी से सुलभ बना दिया.


वे संशोधन खुराक और व्यक्तिगत रूप से वितरण की आवश्यकताओं जैसे मुद्दों से संबंधित थे और परिवर्तनों ने गर्भावस्था में बाद में दवा लेने की भी अनुमति दी.


इस बीच,गर्भपात का विरोध करने वाले डॉक्टरों और अन्‍य का तर्क है कि एफडीए ने दवा के सुरक्षा निहितार्थों का अध्ययन करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए.


(इनपुट - एजेंसी)