अमेरिकी NSA बोले- डोभाल पुलवामा अटैक पर एक्शन लो हम तुम्हारे साथ हैं
अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बॉल्टन ने भारत में अपने समकक्ष अजित डोभाल से कहा है कि भारत पुलवामा अटैक पर एक्शन ले अमेरिका पूरा सहयोग करेगा.
वाशिंगटन: पुलवामा में आत्मघाती हमले में CRPF के 40 जवानों की शहादत पर अमेरिका ने भरोसा दिया है कि वह भारत के साथ है. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बॉल्टन ने भारत में अपने समकक्ष अजित डोभाल से कहा है कि भारत पुलवामा अटैक पर एक्शन ले अमेरिका पूरा सहयोग करेगा. अमेरिकी एनएसए ने साफ तौर से कहा है कि आत्मरक्षा में भारत अगर कोई भी कदम उठाता है तो अमेरिका उसके साथ है.
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक जॉन बॉल्टन ने अजित डोभाल को फोन करके पुलवामा अटैक पर दुख जताया और आश्वासन दिया कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका पूरी तरीके से भारत के साथ खड़ा है. जॉन बॉल्टन ने बताया कि पुलवामा अटैक के बाद वे दो बार अजित डोभाल को फोन कर चुके हैं. उन्होंने भरोसा दिया है कि अगर भारत आत्मरक्षा में कोई भी कदम उठाता है तो यह उसका हक है. अमेरिका पूरी तरह से भारत के साथ खड़ा है.
इससे पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने बयान में कहा, ‘अमेरिका पाकिस्तान से अपील करता है कि वह अपनी जमीन से आतंकी गतिविधियां चलाने वाले ऐसे सभी आतंकवादी संगठनों को समर्थन और पनाह देना तुरंत बंद करे जिनका एकमात्र लक्ष्य क्षेत्र में अव्यवस्था, हिंसा और आतंक फैलाना है.’
उन्होंने कहा, ‘यह हमला आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका और भारत के सहयोग एवं साझेदारी को और बढ़ाने के हमारे संकल्प को और मजबूत बनाता है.’ सैंडर्स ने कहा कि अमेरिका पुलवामा हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता है.
इससे पहले व्हाइट हाउस और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने पाकिस्तान से देश के भीतर आतंकवादियों की पनाहगाहों को समर्थन देना बंद करने के लिए कहा था.
पोम्पिओ ने टि्वटर पर कहा, ‘‘हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़े हैं. पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले आतंकवादियों को पनाहगाह उपलब्ध नहीं करानी चाहिए.’’
पाकिस्तान को सख्त लहजे में दिए संदेश में व्हाइट हाउस ने पाकिस्तान से सभी आतंकवादी समूहों को अपना ‘‘समर्थन तुरंत बंद’’ करने और उन्हें पनाहगाह उपलब्ध नहीं कराने को कहा. अमेरिका ने पुलवामा आतंकी हमले की निंदा भी की जिसमें सीआरपीएफ के कम से कम 40 जवान शहीद हुए हैं.
रूस ने भी एक्शन लेने की दी सलाह
हमले की निंदा करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि हमले को अंजाम देने वालों और इसे प्रायोजित करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए. उन्होंने आतंकवाद से मुकाबले में भारत के साथ अपने सहयोग को मजबूत बनाने के लिए अपने देश का समर्थन दोहराया.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए संदेश में पुतिन ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर राज्य में आतंकवादी कृत्य में भारतीय विधि प्रवर्तन अधिकारियों की मौत के सिलसिले में कृपया संवेदनाएं स्वीकार करें. हम इस जघन्य अपराध की कड़ी निंदा करते हैं. इस हमले को अंजाम देने वालों और प्रायोजकों को उचित सजा दी जानी चाहिए.’
पुतिन ने कहा, ‘मैं भारतीय साझेदारों के साथ आतंकवाद से मुकाबले में सहयोग को मजबूत करने की अपनी इच्छा दोहराता हूं. रूस में हम भारत के मित्रवत लोगों का दुख साझा करते हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद करते हैं.’
मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को केंद्रीय आरक्षित पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद और कई अन्य घायल हुए हैं. जैश के एक आत्मघाती हमलावर ने 100 किलोग्राम विस्फोटक से लदे वाहन से बस को टक्कर मार दी.