वाशिंगटनः अमेरिकी कांग्रेस की एक प्रभावशाली समिति ने ‘यूएस-पेसिफिक कमांड’ का नाम बदलकर उसे ‘इंडो-पेसिफिक कमांड’ करने का प्रस्ताव शुक्रवार को रखा. क्षेत्र को पारंपरिक रूप से एशिया प्रशांत के रूप में जाना जाता है. सदन की आर्म्ड सर्विस कमेटी ने राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार कानून (एनडीएए) 2019 के तहत ‘साऊथईस्ट एशिया मारीटाइम सिक्योरिटी इंनिशिएटिव’ का नाम बदलकर ‘इंडो पेसिफिक मारीटाइम सिक्योरिटी इंनिशिएटिव’ करने तथा भारत को इसमें ‘कवर्ड’ देश के रूप में शामिल करने का फैसला लिया है.


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एनडीएए 2019 के तहत उक्त बातें इसकी महत्वपूर्ण प्रस्ताव का हिस्सा हैं और समिति से इनको मंजूरी मिलने के बाद इसके लिए 639.1 अरब डॉलर का अनुदान मंजूर हो जाएगा.इसको विदेशों में अभियान के लिए 69 अरब डॉलर की राशि भी मिल जाएगी.राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद यह प्रस्ताव कानून का रूप लेगा. लेकिन उससे पहले इसे संसद के दोनों सदनों की आर्म्ड समिति से मंजूरी लेनी होगी. रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र को चिन्हित करने के लिए ट्रंप प्रशासन की नयी शब्दावली के तहत नाम बदलने का यह प्रस्ताव दिया गया है.


(इनपुट भाषा)