Iran-Israel-US: इजरायल के साथ टेंशन के बीच ईरान को अमेरिका ने घेरकर रखा, मिडिल-ईस्ट में बढ़ाए नेवी एसेट्स
America Stands With Israel: ईरान की ओर से बीती देर रात करीब दो सौ मिसाइलों से अटैक के बाद इजरायल भी जवाबी हमले की तैयारी कर रहा है. इस बीच अमेरिका ने मध्य-पूर्व के समुद्री इलाके में ईरान को चारों ओर घेरकर रखा है. अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने एक्स पर इसका ब्योरा दिया है.
US Navy Assets In The Middle East: इजरायल के खिलाफ मंगलवार की देर रात ईरान की लगातार मिसाइल कार्रवाई के बाद अमेरिका भी एक्टिव हो गया. अपने पहले से ही जाहिर रुख के मुताबिक अमेरिका ने मिडिल-ईस्ट में अपने नेवी एसेट्स की तैनाती को बढ़ाकर ईरान को समुद्र में घेरकर रखा है. अमेरिका ने साफ किया हुआ था कि ईरान ने अगर हमला किया तो वह इजरायल के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा.
ईरान के हमले से इजरायल ने किया खुद का बचाव, पहले से था तैयार
अमेरिका ने इजरायल को ईरान के हमले के बारे में पहले से इंटेल रिपोर्ट दी हुई थी. इसलिए, इजरायल ने ईरान के मिसाइल और रॉकेट हमलों को लेकर बचाव और पलटवार की पूरी तैयारियां कर ली थीं. इजरायल ने इमरजेंसी के बीच अपने नागरिकों को अलर्ट जारी किया था. साथ ही तेल अवीव और उसके आसपास बने बम शेल्टरों में उन्हें सुरक्षित कर दिया था. इसलिए ईरान के हमले में किसी के गंभीर रूप से घायल होने की जानकारी नहीं मिली.
अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने एक्स पर जारी किया मैप
अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मिडिल-ईस्ट में तैनात यूएस नेवी एसेट्स का ब्योरा दिया है. उन्होंने डिप्लॉयमेंट का मैप शेयर कर बताया है कि ईरान कितनी बुरी तरह घिरा हुआ है और वह समुद्र में कोई ऐसी-वैसी हरकत नहीं कर सकता. पेंस ने तस्वीर के साथ लिखा है कि अमेरिका इजरायल के साथ मजबूती से खड़ा और आने वाली परिस्थितियों के लिए तैयार है.
अमेरिका ने मध्य पूर्व में रणनीतिक केंद्रों पर मजबूत की सैन्य मौजूदगी
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने मध्य पूर्व में रणनीतिक केंद्रों पर अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी है. लगभग 40,000 सैनिक, एक दर्जन युद्ध पोत और चार लड़ाकू जेट स्क्वाड्रन को वहां तैनात किया गया है. मध्य पूर्व में अमेरिकी युद्धपोतों में से तीन युद्धपोत ओमान की खाड़ी में हैं, जबकि दो सबमरीन लाल सागर में तैनात हैं. पूर्वी भूमध्य सागर से लेकर ओमान की खाड़ी तक पूरे क्षेत्र में बिखरे युद्धपोत के साथ ही वायु सेना और नौसेना दोनों के लड़ाकू जेट किसी भी हमले का फौरन जवाब देने के लिए हमशा तैयार हैं.
ईरान- इजरायल के बीच अमेरिका की सक्रियता से खामेनेई को एतराज
ईरान और इजरायल में जंग जैसे हालात के बीच अमेरिका की बढ़ती सक्रियता को लेकर ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने एतराज जताया है. उन्होंने पश्चिम एशिया में अमेरिका और यूरोपीय देशों के दखल की आलोचना करते हुए कहा कि इनकी मौजूदगी संघर्ष, युद्ध, चिंता और दुश्मनी का स्रोत है. क्षेत्रीय देश अपना प्रबंधन खुद कर सकते हैं. खामेनेई ने कहा कि ईरान को दुश्मनों से छुटकारा मिलने की उम्मीद है, लेकिन पश्चिमी देश भी अपनी बुराइयों को कम करें.
'संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस इजरायल के विरोधी, उन्हें नहीं आने देंगे'
दूसरी ओर, इजरायल के विदेश मंत्री ने साफ किया कि वह संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस को इजरायल नहीं आने देंगे. क्योंकि उन्होंने इजरायल पर हुए ईरान के हमले की अभी तक निंदा नहीं की है. विदेश मंत्री ने दोहराया कि ईरान की ओर से इजरायल पर मिसाइल हमले की जो निंदा नहीं कर सकता उसे इजरायल की धरती पर कदम रखने का कोई हक नहीं है. यूएन प्रमुख इजरायल विरोधी हैं और आतंकवादियों, बलात्कारियों और हत्यारों को समर्थन देते हैं.
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी... कई देशों ने की इजरायल पर हमले की निंदा
इससे पहले, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी जैसे कई देशों ने इजरायल पर ईरान के हमले पर चिंता जताई. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक्स पर बताया कि आज सुबह कमला हैरिस और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम को इजरायल के खिलाफ ईरान के मिसाइल हमले पर चर्चा की. साथ ही इजरायल को इन हमलों से बचाने और इलाके में मौजूद अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा करने की संयुक्त राज्य अमेरिका की तैयारियों पर भी बात की. अमेरिकी सेना को ईरानी हमलों के खिलाफ इजरायल की रक्षा में मदद करने और हमलवार मिसाइलों को मार गिराने का निर्देश दिया हुआ है.
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अमेरिकी-इजरायली रक्षा मंत्रियों में बातचीत, नेतन्याहू-बाइडन भी करेंगे चर्चा
इस बीच, अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने इजरायली समकक्ष से बातचीत की. इसके बाद ऑस्टिन ने कहा कि मंगलवार शाम को ईरान की तरफ से इजराइल पर दागी गईं 181 मिसाइलों में से लगभग एक दर्जन को रोकने के बाद अमेरिका ने अपनी रक्षा में इजराइल के साथ साझेदारी करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया है. अमेरिका ने ईरान को मध्य-पूर्व में 'अस्थिरता फैलाने वाली ताकत' बताया.
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रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल अब कुछ ही दिनों में ईरान के सामरिक जगहों और तेल भंडारों पर हमला कर सकता है. इजरायल के अंदर सरकार और विपक्ष दोनों इस बात पर राजी है. विपक्षी नेता नेफ्टाली बेनेट ने भी मिडिल-ईस्ट का नक्शा बदल देने को हरी झंडी दे दी है. सूत्रों के मुताबिक, इजरायल के पीएम नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से बातचीत के दौरान जवाबी कार्रवाई की योजना पर चर्चा करेंगे. ईरान ने इजरायल पर हमला करने से पहले रूस को बताया था. ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने इजरायल पर हमले को सही बताया और प्रधानमंत्री नेतन्याहू को कड़ी चेतावनी दी.
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