Alexei Navalny: पुतिन ने अपने कट्टर `विरोधी` का सालों बाद लिया नाम, मौत पर कहा- मैं कुछ नहीं कर सकता
Putin Commenting on Navalny death for first time: रूस में 5वीं बार राष्ट्रपति बनने के बाद पुतिन ने विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी की मौत पर पहली बार बयान दिया है. नवलनी की मौत ने सभी को हैरान कर दिया था. जिसके बाद पूरे रूस में पुतिन का विरोध हो रहा है. पुतिन पर ही इस मौत का आरोप लगा है.
Alexei Navalny Death: व्लादिमीर पुतिन लगातार पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत गए हैं. उन्हें लगभग 88 प्रतिशत वोट मिले. 5वीं बार रूसी राष्ट्रपति बनने के बाद हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुतिन ने नवलनी की मौत पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है. अपने सबसे बड़े विरोधी एलेक्सी नवलनी की मौत पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि नवलनी की मौत का हमें दुख है. मैंने कैदियों की अदला-बदली में एलेक्सी के नाम को मंजूरी दी थी. लेकिन उसके पहले ही उनकी मौत हो गई.
सबसे खास बात कि पुतिन ने अपने धुर विरोधी का नाम बहुत सालों बाद अपनी जुबान से लिया. उन्होंने कहा- एलेक्सी की अदला-बदली पश्चिमी देश के कैदियों से होने वाली थी. मैंने बस एक शर्त रखी थी। कहा था- अदला-बदली तभी होगी जब यह सुनिश्चित किया जाए कि एलेक्सी वापस रूस कभी नहीं आएगे. लेकिन ये सब होने से पहली ही एलेक्सी की मौत हो गई. हम इसमें कुछ नहीं कर सकते. यही जीवन है. ऐसा होता रहता है.
16 फरवरी को हुई नवलनी की मौत
पुतिन के सबसे बड़े विपक्षी नेता नवलनी की 16 फरवरी को रूसी जेल में रहस्मय मौत हो गई थी. नवलनी की मौत म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के बीच में हुई. नवलनी के सहयोगियों ने बताया कि नवलनी की अदला-बदली की बात पूरी हो ही गई थी और उनको जर्मनी की जेल में बंद एक रूसी कैदी से बदल दिया जाता. लेकिन नवलनी के सहयोगियों ने पुतिन पर आरोप लगाया कि पुतिन ने इस अदला-बदली को पूरा नहीं होने दिया.
रूस के विपक्षी नेता नवलनी को चरमपंथ के आरोप में साल 2021 में 19 साल की सजा सुनाई गई थी.
कौन थे एलेक्सी नवलनी?
नवलनी को पुतिन का घोर विरोधी माना जाता है और उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए बहुत कोशिश की थी. 1976 में पैदा हुए नवलनी ने कानून की पढ़ाई की और वकील के तौर पर अपनी पहचान बनाई. साल 2008 में उन्होंने एक ब्लॉग लिखकर सरकारी कंपनियों के घोटालों को उजागर किया था. इसी एक ब्लॉग की बदौलत उनकी लोकप्रियता में दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से इजाफा हुआ. साथ ही सरकार में शामिल कई नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों को इस्तीफा भी देना पड़ा था. जिसके बाद नवलनी पुतिन के नजर में आ गए थे. नवलनी मरते दम तक पुतिन और उनकी सरकार का विरोध करते रहे.