Volcano : आइसलैंड के दक्षिणी हिस्से में पिछले तीन महीने में ज्वालामुखी विस्फोट की चौथी घटना सामने आई है. रेजेंस प्रायद्वीप में एक बड़े ज्वालामुखी विस्फोट के बाद देश के दक्षिणी हिस्से में आपातकाल लागू कर दिया गया है. इसे इलाके का सबसे बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट बताया जा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार ज्वालामुखी का लावा बहकर ग्रिंडाविक शहर तक पहुंच गया है. ऐसे में लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर ब्लू लैगून  (Blue Lagoon) और ग्रिंडाविक शहर को खाली करा लिया गया है. 'ब्लू लैगून' एक जियोथर्मल स्पा है. वैज्ञानिकों ने कहा कि विस्फोट कमजोर होता दिख रहा है और संभवत: कुछ ही घंटों में शांत हो जाएगा.


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दिसंबर के बाद इस रेजेंस प्रायद्वीप में ज्वालामुखी विस्फोट की ये चौथी घटना है. इसके पहले 8 फरवरी को भी यहां ज्वालामुखी फट पड़ा था. हालांकि, आइसलैंड का हवाई क्षेत्र अभी खुला हुआ है, लेकिन लावा से निकल रहा धुआं इसमें भर रहा है.


 



आइसलैंड की सिविल डिफेंस सर्विस के अनुसार, विस्फोट शनिवार( 16 मार्च) को स्थानीय समयानुसार शाम को 8 बजे ग्रिंडविक के उत्तर में होगाफेल और स्टोरा-स्कॉगफेल के बीच हुआ था. विस्फोट स्थल आइसलैंड की राजधानी रेकजाविक से लगभग 50 किलोमीटर (30 मील) दक्षिण-पश्चिम में 3,800 लोगों की आबादी वाले तटीय शहर ग्रिंडाविक से कुछ किलोमीटर (मील) उत्तर-पूर्व में है. ये वही जगह हैं, जहां पर 8 फरवरी को विस्फोट हुआ था. विस्फोट के जो फुटेज सामने आ रहे हैं, उसमें धुएं के बादल और चमकता और उबलता हुआ मैग्मा धरती के अंदर से निकलता दिखाई दे रहा है.


 



अब तक का सबसे शक्तिशाली विस्फोट 


 


रिपोर्ट के अनुसार, केफ्लाविक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और अन्य क्षेत्रीय हवाई अड्डे विस्फोट से प्रभावित नहीं हुए हैं. बताया जा रहा है, कि शनिवार का विस्फोट अब तक का सबसे शक्तिशाली विस्फोट था. लावा का दो बहाव पश्चिम और दक्षिण की ओर बढ़ रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार कहा गया है, कि लावा का एक हिस्सा ग्रिंडविक की पूर्वी रक्षा दीवारों तक पहुंच गया है. इसके पहले ग्रिंडाविक को नवंबर में खाली करा लिया गया था, जब स्वार्टसेंगी ज्वालामुखी 800 सालों के बाद जागृत हो गया था. 


 


इसके बाद शहर के उत्तर में जमीन में बड़ी दरार आ गई थी और 18 दिसंबर को ज्वालामुखी फट गया. जिससे लावा ग्रिंडाविक से दूर बहने लगा था. शहर की सुरक्षा के लिए रक्षा दीवार बनाई थी. 14 जनवरी को दूसरा विस्फोट हुआ था और लावा शहर की रक्षा दीवार तक पहुंच गया. दीवार ने कुछ प्रवाह को रोक दिया था, लेकिन कई इमारतें लावा की चपेट में आकर राख हो गई थी.


 


कब-कब हुआ विस्फोट


 


18 दिसंबर को पहले विस्फोट में शहर को खाली करा लिया गया था. 14 जनवरी को शुरू हुए दूसरे विस्फोट ने लावा को शहर की ओर भेजा. पहले विस्फोट के बाद मजबूत की गई रक्षात्मक दीवारों ने कुछ प्रवाह को रोक दिया, लेकिन कई इमारतें लावा द्वारा भस्म हो गईं थी. दोनों विस्फोट केवल कुछ ही दिनों तक चले. 



तीसरा विस्फोट 8 फरवरी को शुरू हुआ. यह कुछ ही घंटों में शांत हो गया, लेकिन इससे पहले लावा की नदी ने पाइपलाइन को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे हजारों लोगों को गर्म पानी मिलना बंद हो गया था.


 



देश में कई सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्र हैं, जिसमें आए दिन ज्वालामुखी विस्फोट होते हैं और यहां उनसे निपटने के लिए पर्याप्त अनुभव है. हाल के दिनों में सबसे विनाशकारी घटना 2010 में हुआ विस्फोट था, जब वायुमंडल में राख के विशाल बादल फैल गए थे, जिससे यूरोप में बड़े पैमाने पर हवाई क्षेत्र बंद हो गए थे. बता दें, कि हाल के किसी भी विस्फोट से किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है.