Russia News: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को तख्तापलट का डर सताने लगा है. डेली मेल की एक खबर के मुताबिक रूस की प्राइवेट आर्मी ‘वैगनर’ के बॉस येवगेनी प्रिगोझिन द्वारा मॉस्को के सैन्य नेतृत्व के खिलाफ युद्ध की घोषणा की गई है. इसके साथ ही प्रिगोझिन ने रोस्तोव शहर पर 'निर्विरोध' मार्च करने का दावा भी किया है. जिसके बाद से रूस में तख्तापलट की आशंकाएं बढ़ रही हैं.


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प्रिगोझिन ने रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु को हटाने और रूसी सैन्य नेताओं को दंडित करने की कसम खाने के बाद अपनी असाधारण कार्रवाई शुरू की. उन्होंने इन लोगों पर हवाई हमले में अपने 'सैकड़ों' भाड़े के सैनिकों को मारने का आरोप लगाया था.


प्रिगोझिन ने यह भी दावा किया कि रूसी सेना के शीर्ष अधिकारी व्लादिमीर पुतिन से झूठ बोल रहे हैं और यूक्रेन में नुकसान छिपाने के लिए 2,000 से अधिक सैनिकों के शवों को छिपा रहे हैं.


डेली मेल की खबर के मुताबिक वैगनर  सेना ने शुक्रवार रात रोस्तोव में प्रवेश किया. प्रिगोझिन ने घोषणा की कि वे देश के सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकने के लिए 'सभी आवश्यक कदम' उठाएंगे. उन्होंने कहा कि 'जो कोई भी हमारे रास्ते में आएगा उसे हम नष्ट कर देंगे... हम आगे बढ़ रहे हैं और आखिर तक बढ़ेंगे.’


सड़कों पर उतारे गए टैंक
वहीं रूसी सैन्य वाहनों [टैंक और बख्तरबंद] को मॉस्को और रोस्तोव-ऑन-डॉन की सड़कों पर देखा गया, जहां सरकारी अधिकारियों ने निवासियों को अपने घरों में रहने के लिए कहा है. रूस की TASS समाचार एजेंसी ने सुरक्षा सेवा के एक सूत्र के हवाले से बताया कि मॉस्को में सरकारी इमारतों, परिवहन सुविधाओं और अन्य प्रमुख स्थानों पर शुक्रवार रात सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.


पुतिन को दी गई पूरी जानकारी
व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति को प्रिगोझिन के दावों से अवगत करा दिया गया है और 'आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं.' उन्होंने अभी तक विद्रोह पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है. इस बीच रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर दावा किया कि प्रिगोझिन के आरोप 'सच्चे नहीं हैं.


एफएसबी सुरक्षा सेवाओं ने इससे पहले कहा था कि उन्होंने प्रिगोझिन के खिलाफ आपराधिक जांच शुरू कर दी है और उन पर सशस्त्र विद्रोह भड़काने का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की.


हालांकि ज़मीनी हकीकतें अस्पष्ट बनी हुई हैं, लेकिन यह प्रकरण पुतिन के लिए सबसे बड़ा आंतरिक सैन्य संकट प्रतीत होता है, जिसका सामना पुतिन ने पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण का आदेश देने के बाद किया है.