Arab-Israel Relations: जो बाइडन प्रशासन का कहना है कि वह इजराइल की नई सरकार के साथ काम करने को उत्सुक है. इसके साथ ही अमेरिका ने अरब-इजराइल संबंधों को सामान्य बनाने का समर्थन किया है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने न्यू मैक्सिको में कहा, ‘हम वास्तव में इजराइल सरकार के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हैं. मैं इजराइल जा रहा हूं और जब मैं जाऊंगा तो बातचीत का एक महत्वपूर्ण विषय होगा.’


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बता दें बेंजामिन नेतन्याहू का इजराइल के पीएम के तौर पर यह छठा कार्यकाल है. उनकी लिकुड पार्टी और उसके धुर-दक्षिणपंथी तथा धार्मिक सहयोगियों ने यहूदी राष्ट्र में आम चुनावों में याइर लापिद को हराकर शानदार जीत हासिल की. 


'ईरान के मुद्दे पर गहराई से जुड़ने का अवसर होगा'
जेक सुलिवन ने कहा कि बाइडन प्रशासन के पास ईरान की ओर से उत्पन्न खतरे पर नई इजराइली सरकार के साथ गहराई से जुड़ने का अवसर होगा. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास शुरुआती महीनों के लिए पीएम नेतन्याहू थे, फिर प्रधानमंत्री (नफ्ताली) बेनेट आए और फिर पीएम लापिद आए. इन तीनों में एक बात समान थी: उनमें से कोई भी जेसीपीओए को पसंद नहीं करता था. तीनों ने दृढ़ता से ईरान नीति पर निकटता से समन्वय करने की आवश्यकता को महसूस किया और मुझे लगता है कि मौजूदा प्रधानमंत्री नेतन्याहू अपने इस कार्यकाल में कोई अपवाद नहीं होंगे.'


बता दें संयुक्त कार्य योजना (जेसीपीओए) जिसे आम तौर पर ईरान परमाणु समझौते या ईरान समझौते के रूप में जाना जाता है, पर सहमति 14 जुलाई, 2015 को ईरान और यूरोपीय संघ के साथ पी5 प्लस 1 समूह के देशों के बीच बनी थी. पी5 प्लस वन समूह में संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी देश चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका तथा जर्मनी हैं.


(इनपुट - भाषा)


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