Chinmoy Krishna Das: बांग्लादेश में गिरफ्तार चिन्मय कृष्ण दास को लेकर इस्कॉन बांग्लादेश ने चौंकाने वाला बयान दिया है. इस्कॉन प्रमुख चारुचंद्र दास ब्रह्मचारी ने स्पष्ट किया कि चिन्मय दास को सितंबर में ही संगठन से निष्कासित कर दिया गया था. उन्होंने कहा, "हम किसी ऐसे व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं ले सकते जो अब हमारा सदस्य नहीं है." चारुचंद्र दास ने बताया कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय लगातार प्रताड़ना झेल रहा है. कट्टरपंथी समूह इस्कॉन पर हमला कर रहे हैं क्योंकि संगठन जबरन धर्मांतरण और हिंसा के खिलाफ आवाज उठाता है. दास ने कहा कि हिंदुओं को डर के साये में जीना पड़ रहा है.


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इस्कॉन के शांतिपूर्ण प्रयास


इस्कॉन प्रमुख ने जोर देकर कहा कि संगठन हमेशा मानवता और शांति के लिए काम करता है. उन्होंने कहा, "हमारा संगठन किसी भी सांप्रदायिक या हिंसात्मक गतिविधि से दूर है. हम केवल जरूरतमंदों की मदद और सद्भाव बढ़ाने का प्रयास करते हैं."


कट्टरपंथियों का हमला क्यों?


दास ब्रह्मचारी ने बताया कि कट्टरपंथी समूह इस्कॉन पर इसलिए निशाना साधते हैं क्योंकि संगठन हिंदुओं को एकजुट करता है और उन्हें साहस देता है. उन्होंने कहा कि इन हमलों का उद्देश्य हिंदू समुदाय को कमजोर करना और जबरन धर्मांतरण को बढ़ावा देना है.


चिन्मय दास की गिरफ्तारी का मामला


राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार चिन्मय कृष्ण दास को लेकर इस्कॉन ने कहा कि उन्हें पहले ही संगठन से हटा दिया गया था. दास पर जून में मिली शिकायतों के बाद यह कार्रवाई की गई थी. इस्कॉन का कहना है कि उनका संगठन इस विवाद में शामिल नहीं है.


बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की घटती संख्या


दास ब्रह्मचारी ने बताया कि 1971 में बांग्लादेश की 22% आबादी हिंदू थी, जो अब घटकर 8% रह गई है. इसका कारण दशकों से जारी हिंसा और राजनीतिक हाशिए पर होना है. उन्होंने सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की.


सरकार से आश्वासन की उम्मीद


इस्कॉन प्रमुख ने कहा कि बांग्लादेश की सरकार ने हिंदुओं की सुरक्षा का आश्वासन दिया है. उन्होंने मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार का यह वादा हकीकत बनेगा.


हिंदुओं पर हमले सांप्रदायिक: इस्कॉन


यूनुस ने हिंदुओं पर हमले को राजनीतिक करार दिया था, लेकिन दास ब्रह्मचारी ने इसे सांप्रदायिक बताया. उन्होंने कहा कि मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर हमले इस बात का सबूत हैं कि हिंसा सांप्रदायिक दुश्मनी का परिणाम है. इस्कॉन ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका संगठन शांति और मानवता के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने हिंदुओं की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाने की मांग की और कट्टरपंथियों के प्रोपेगैंडा का विरोध किया.


(एजेंसी इनपुट के साथ)