Shirtless Putin: यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ने के बाद से रूसी राष्ट्रपति पुतिन ब्रिटेन समेत पश्चिपी देशों के निशाने पर हैं. लेकिन अब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बिना शर्ट वाली उनकी फोटो का मजाक उड़ाने पर पश्चिमी देशों के नेताओं पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों के नेता अगर ऐसा करते हैं तो वे भद्दे लगेंगे.पुतिन से तुर्कमेनिस्तान की यात्रा के दौरान सवाल पूछा गया कि जी 7 समिट में पश्चिमी नेताओं ने उनका मज़ाक उड़ाया है, तो रूसी राष्ट्रपति ने जवाब में यह बयान दिया है.


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जस्टिन ट्रूडो ने उड़ाया था मजाक


सम्मेलन में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि जी-7 में शामिल देशों के नेता यह दिखाने के लिए अपने कपड़ा उतार सकते हैं कि वे पुतिन से भी ज्यादा मजबूत हैं. बता दें कि यूक्रेन में मॉस्को की सैन्य कार्रवाई को लेकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव चल रहा है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मजाक में कहा कि पश्चिमी नेता भी पुतिन की तरह बिना कमीज के घोड़े पर बैठने की कोशिश कर सकते हैं. पुतिन की इस तरह की एक तस्वीर है जो काफी ज्यादा वायरल हुई है.


पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान पुतिन ने पलटवार करते हुए कहा कि पश्चिमी नेता शराब पीते हैं और खेलों में हिस्सा नहीं लेते हैं जबकि वह ऐसा नहीं करते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं नहीं जानता कि वे कैसे कपड़े उतारेंगे, कमर के ऊपर के या कमर के नीचे के और दोनों ही सूरत में यह भद्दा सीन होगा.'


रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि अच्छा दिखने के लिए जरूरी है कि शराब का सेवन और खराब आदतें बंद की जाएं और कसरत की जाए और खेलों में भाग लिया जाए.


जी 7 देशों की रूस पर सख्ती 


हाल में आयोजित जी 7 समिट में विश्व के सबसे धनी देशों के नेताओं ने रूस की ओर से यूक्रेन पर किए गए हमले की निंदा की और यूक्रेन का समर्थन करने के लिए एकजुट रुख अपनाया की अपील की. जर्मनी में जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन के बाद जारी बयान में रूस पर गंभीर और आर्थिक पाबंदियां लगाने की बात पर भी जोर दिया गया.


जी 7 ग्रुप के नेताओं ने रूसी सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाने और उन देशों को मदद देने पर सहमति जताई जो काला सागर के रास्ते यूक्रेनी अनाज का ट्रांसपोर्ट रुकने से प्रभावित हैं.अमेरिका ने पहले ही रूसी तेल के आयात पर रोक लगा दी है, हालांकि वह मात्रा में काफी कम थी. यूरोपीय संघ ने समुद्र के रास्ते आने वाले 90 प्रतिशत रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, लेकिन यह साल के अंत तक ही प्रभावी हो पाएगा. इसका अर्थ है कि यूरोप भले ही युद्ध की निंदा करे लेकिन वह ऊर्जा के लिए रूस को भुगतान जारी रखने वाला है.



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