Khalistan Canada: खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा ने जो आरोप लगाए थे, भारत ने अब उस पर सबूत देने को कहा है. कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने कनाडा से कहा कि वह भारत को सबूत मुहैया कराए. वर्मा ने कहा कि निज्जर की हत्या के मामले को लेकर कनाडा की जांच में उच्च स्तर के एक कनाडाई अधिकारी के सार्वजनिक बयानों से गलत असर पड़ा है.


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वर्मा ने 'ग्लोब एंड मेल' न्यूजपेपर को दिए एक इंटरव्यू में शुक्रवार को कहा कि इस मामले में हमें कोई ऐसी खास या ठोस सूचना नहीं दी गई, जिसके आधार पर हम उनकी मदद कर सकें. वर्मा के हवाले से न्यूजपेपर ने कहा, 'सबूत कहां हैं? इस जांच का निष्कर्ष कहां है? मैं एक कदम आगे जाकर कहूंगा कि जांच पर पहले ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ चुका है.'


ट्रूडो ने भारत पर लगाए थे आरोप


उन्होंने किसी का नाम लिए बिना शनिवार को कहा, यह कहने के लिए एक हाई लेवल अफसर से आदेश मिला है कि इसके पीछे भारत या भारतीय एजेंट का हाथ है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर में आरोप लगाया था कि जून में उनके देश में हुई निज्जर की हत्या में शायद भारतीय एजेंट शामिल थे. 


भारत ने निज्जर को 2020 में आतंकवादियों की सूची में शामिल किया था. ये आरोप लगाए जाने के बाद से भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव पैदा हो गया है. भारत ने इन आरोपों को बेतुका और निहित स्वार्थ से प्रेरित बताया है.


भारत ने ट्रूडो द्वारा आरोप लगाए जाने के कुछ दिनों बाद कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना अस्थायी रूप से बंद कर दिया था और कनाडा से भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति को कम करने के लिए कहा था, ताकि दोनों देशों में राजनयिकों की संख्या बराबर हो सके. 


कनाडा ने 41 राजनयिक बुलाए थे वापस


इसके बाद कनाडा ने भारत से अपने 41 राजनयिकों और उनके परिवार के सदस्यों को वापस बुला लिया था. वर्मा ने कनाडा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि भारत ने पिछले पांच या छह वर्ष में ओटावा से लोगों के प्रत्यर्पण को लेकर 26 अनुरोध किए, लेकिन कनाडा ने कोई कार्रवाई नहीं की.


भारतीय उच्चायुक्त ने उन्हें और कनाडा में अन्य भारतीय राजनयिक कर्मियों को सुरक्षा संबंधी खतरों पर बात की. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को भारत में कहा था कि भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद के समाधान के लिए कूटनीतिक गुंजाइश मौजूद है.  विदेश मंत्री ने कहा था कि दोनों देश एक-दूसरे के संपर्क में हैं और उम्मीद है कि इस विवाद के समाधान का एक रास्ता निकलेगा. उन्होंने कहा था कि संप्रभुता और संवेदनशीलता एकतरफा नहीं हो सकती.


(एजेंसी इनपुट के साथ)