Golan Heights: गोलन हाइट्स को लेकर क्यों मचा है बवाल.. इजरायल को आंख दिखा रहा सीरिया?
Hezbollah Attacks on Israel Golan Heights: गोलन हाइट्स पर हुए हमले के बाद इजराइल तमतमाया हुआ है. आने वाले दिनों में इजराइल की तरफ से बड़ी कार्रवाई की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है.
Hezbollah Attacks on Israel Golan Heights: गोलन हाइट्स पर हुए हमले के बाद इजराइल तमतमाया हुआ है. आने वाले दिनों में इजराइल की तरफ से बड़ी कार्रवाई की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. ‘गोलन हाइट्स’ में फुटबॉल ग्राउंड पर हुए रॉकेट हमले में कम से कम 12 बच्चों और किशोरों की मौत के बाद से इजराइल और सीरिया में नईं जंग छिड़ती नजर आ रही है. आइये आपको बताते हैं आखिर गोलन हाइट्स क्या है और इसे लेकर विवाद क्यों हैं?
हिजबुल्ला ने अपनी भूमिका से किया इनकार
इजराइल और लेबनान के चरमपंथी समूह हिजबुल्ला के बीच लड़ाई शुरू होने के बाद से इजराइल की उत्तरी सीमा पर यह सबसे घातक हमला है. हमले के बाद से क्षेत्र में बड़े संघर्ष की आशंका पैदा हो गई है. इस हमले के लिए इजराइल ने हिजबुल्ला को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन चरमपंथी समूह ने इसमें अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया है.
गोलान हाइट्स का इतिहास
गोलान हाइट्स का इतिहास बेहद जटिल और विवादित रहा है. यह क्षेत्र कई सभ्यताओं और साम्राज्यों का गवाह रहा है और इसका भौगोलिक महत्व इसे हमेशा से एक रणनीतिक स्थान बनाता रहा है. गोलान हाइट्स में पुरातात्विक खोजों से पता चलता है कि यह क्षेत्र हजारों सालों से बसा हुआ है. यहां कई प्राचीन सभ्यताओं के निशान मिले हैं. यह क्षेत्र कई धर्मों के लिए पवित्र माना जाता है, विशेषकर यहूदी धर्म और इस्लाम के लिए.
गोलान हाइट्स पर इजराइल का कब्जा
16वीं शताब्दी से 20वीं शताब्दी की शुरुआत तक गोलान हाइट्स ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा था. प्रथम विश्व युद्ध के बाद, ओटोमन साम्राज्य का विघटन हुआ और गोलान हाइट्स फ्रांसीसी मंडेट के अंतर्गत सीरिया का हिस्सा बन गया. 1967 के छह दिवसीय युद्ध में इज़राइल ने सीरिया से गोलान हाइट्स पर कब्जा कर लिया. 1981 में इज़राइल ने एकतरफा रूप से गोलान हाइट्स को अपने क्षेत्र में मिला लिया, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस कदम को मान्यता नहीं दी.
क्यों हुआ विभिन्न शक्तियों का कब्जा?
गोलान हाइट्स रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह गलील सागर को नियंत्रित करता है और इज़राइल के लिए एक प्राकृतिक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है. गोलान हाइट्स की भूमि उपजाऊ है और यहां कृषि के लिए बहुत संभावनाएं हैं. इस क्षेत्र में जल संसाधन प्रचुर मात्रा में हैं, जो कि मध्य पूर्व के सूखे क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण संसाधन है.
विवाद के कारण
सीरिया हमेशा से गोलान हाइट्स को अपना क्षेत्र मानता रहा है और इसे वापस पाने की मांग करता रहा है. अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार, किसी देश पर बलपूर्वक कब्जा करना अवैध है. यह क्षेत्र विभिन्न धर्मों के लिए पवित्र है और इसका एक लंबा और जटिल इतिहास है, जो विवाद को और जटिल बनाता है.
नेतन्याहू ने चेतावनी दी है
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि हिजबुल्ला को ‘‘इस हमले की ऐसी भारी कीमत चुकानी होगी, जो उसने पहले कभी नहीं चुकाई है.’’ इजराइल के विदेश मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि हिजबुल्ला ने इस हमले से सभी हदें पार दी हैं और हमारी प्रतिक्रिया से यह बात समझ आएगी. हम उस पल के करीब पहुंच रहे हैं, जब हमें एक पूर्ण युद्ध का सामना करना पड़ेगा.’’