Meet Gen Daniel Gold Iron Dome: मिडिल-ईस्ट इन दिनों जंग के मुहाने पर खड़ा है. इजरायल और मिडिल-ईस्ट के मुस्लिम देशों के साथ दुश्मनी बहुत पुरानी है. इजरायल देश का जसबे जन्म हुआ है तबसे वह जंग ही लड़ रहा है. साल 1948 में इजरायल के बनने के बाद से ही उसके आस-पास के पड़ोसी देशों से जंग चल रही रही है.  इजरायल अपने अस्तित्व को बरकार रखने के लिए कई देशों से भीषण जंग लड़ रहा है. इजरायल एक साथ कई देशों से जंग भी लड़ता है और जीत भी हासिल करता है. 


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पूरी दुनिया में इजरायल की ताकत और खौफ के चर्चे होते हैं. जिस तरह इजरायल हमास, हिजबुल्ला, हूती, लेबनान, ईरान, यमन, गाजा, में जंग लड़ रहा सब हैरान हैं. चारों तरफ से इजरायल पर हमला होता है, लेकिन इजरायल का अभेद किला उसे आसमान में ही खत्म कर देता है. आखिर क्या है अभेद किला और किसने इसे बनाया.


सबसे पहले जानें अभेद किले के बारे में:
इजरायल के अभेद ‌किले का नाम है आयरन डोम. इसी के दमपर इजरायल ने मंगलवार देर रात ईरान की 200 मिसाइलें हवा में ही मार गिराया. हवा में ईरान के मिसाइलों को नष्ट करने में सबसे बड़ा रोल इजरायल के सुरक्षा कवच कहे जाने वाले आयरन डोम का ही रहा. यही दुश्मनों से लड़ने में इजरायल के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है. ये डोम दुश्मनों के 90% रॉकेटों का नष्ट कर देता है. इसी के दमपर इजरायल पूरी दुनिया में सबसे खास बना हुआ है. जंग में दुश्मनों को मिटा देने की खुलेआम धमकी दे लेता है. और बेखौफ होकर हमला करता है. बहुत सारे देश एक साथ इजरायल पर राकेट और मिसाइलों से हमला करते रहे हैं, लेकिन, इजराइल हर बार इन हमलों को बड़ी ही सटीकता के साथ रोक लेता है. 


इजरायल का अभेद किला आयरन डोम
आयरन डोम ही वह सुरक्षा कवच है जो हर बार बड़ी सटीकता के साथ इजरायल पर हुए हर हमले को नाकाम कर देता है, जिससे इजरायल को कोई भारी नुकसान नहीं होता है. 


क्या आपको पता है कि इजरायल के इस अभेद हथियार को किसने बनाया है, और इसकी नींव कैसे पड़ी? 


कौन हैं डैनी गोल्ड? जिसने बनाया आयरन डोम
इसके सूत्रधार इजरायली रक्षा इंजीनियर डैनियल "डैनी" गोल्ड हैं. उन्होंने 1990 के दशक में दूसरे इजरायल युद्ध के बाद यह महसूस किया कि इजरायल के खतरे की सबसे बड़ी वजह मिसाइल और रॉकेट हमले हैं, जिसके बाद उनके मन में एक ऐसा डिफेंस सिस्टम बनाने का आइडिया आया जो लगभग अभेद्य हो. इसके बाद उन्होंने इस पर काम शुरू कर दिया. साल 2011 से इजरायली सेना इस एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल कर रही है. यह एयर डिफेंस सिस्टम इतना सटीक है कि 90 फीसदी से अधिक हमलों को सटीकता से खत्म कर देता है. 


1983 में एयर फोर्स में शुरू की सेवा 
डैनी गोल्ड ने 1983 में इजरायली एयर फोर्स में सेवा शुरू की. इस दौरान उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स, शस्त्र और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में कई शीर्ष पदों पर कार्य किया. उनकी लंबी सेवा अवधि के बाद सरकार ने उन्हें 2016 में इजरायली रक्षा अनुसंधान और विकास निदेशालय (डीडीआरएंडडी) का प्रमुख बना दिया. इसके बाद वह इजरायल रक्षा बलों में ब्रिगेडियर जनरल के रूप में नियुक्त हो गए. 


2012 में मिला सम्मान
इजरायल की सुरक्षा के लिए दिए उनके अनमोल योगदान के लिए उन्हें सितंबर 2012 में इजराइल डिफेंस प्राइज से भी सम्मानित किया गया.  वह 2014 में आईडीएफ से अपनी सेवा समाप्त होने के बाद 'गोल्ड टेक्नोलॉजी और उद्यमिता' नामक कंपनी चलाते हैं. 


कैसे काम करता है आयरन डोम? 
आयरन डोम विश्व में सबसे अधिक लोकप्रिय वायु रक्षा सिस्टम बन गई है. पूरे इज़रायल में आयरन डोम बैटरियां स्थापित हैं. हर बैटरी में तीन या चार लॉन्चर होते हैं, जिनमें से प्रत्येक में 20 इंटरसेप्टर मिसाइलें होती हैं. आयरन डोम रडार से आने वाले रॉकेटों का पता लगाता है और उन पर नजर रखता है और गणना करता है कि कौन से रॉकेट आबादी वाले इलाकों में गिरने की संभावना है.


इसके बाद यह इन रॉकेटों पर मिसाइलें दागता है, जबकि बाकी रॉकेटों को खुले मैदान में गिरने के लिए छोड़ दिया जाता है. इजराइल रक्षा बल (IDF) ने पहले दावा किया था कि आयरन डोम अपने लक्ष्य पर बने 90% रॉकेटों को नष्ट कर देता है. माना जाता है कि इसकी "तामिर" मिसाइलों की कीमत लगभग 50,000 डॉलर प्रति मिसाइल है.