Russia Ukraine: यूक्रेन ने दावा किया है कि रूसी सेना के एक सीनियर जनरल और उनके साथी को यूक्रेन सेना ने मास्को में मार गिराया है. रूस की जांच समिति (एसके) ने बताया कि परमाणु, जैविक, रासायनिक रक्षा बलों (एनबीसी) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव मंगलवार की सुबह एक आवासीय ब्लॉक के बाहर थे. इसी दौरान स्कूटर में रखे गए एक विस्फोटक के ज़रिए धमाका कर दिया गया. यूक्रेन की एसबीयू सुरक्षा सेवा के एक सूत्र ने दावा किया कि किरिलोव 'एक वैध लक्ष्य' था और उसने जंगी अपराध किए थे. 


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क्या था इगोर पर आरोप?


यूक्रेन का कहना है कि किरिलोव 'प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने' के लिए जिम्मेदार था. यूक्रेन के एसबीयू ने दावा किया है कि रूस ने जनरल के नेतृत्व में 4,800 से अधिक बार रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया. हालांकि रूस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. इससे पहले अक्टूबर में यूके ने भी किरिलोव पर पाबंदी लगाते हुए कहा कि उन्होंने यूक्रेन में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की निगरानी की थी और 'क्रेमलिन की गलत सूचनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मुखपत्र' के रूप में काम किया था.


बुरी तरह तबाह हुई इमात


दक्षिण-पूर्वी मॉस्को में घटनास्थल की तस्वीरों में एक इमारत का बुरी तरह क्षतिग्रस्त प्रवेश द्वार दिखाई दे रहा है, जिसकी दीवारों पर झुलसने के निशान हैं और कई खिड़कियां उड़ गई हैं. सड़क पर दो लाशों वाले बैग भी देखे जा सकते हैं. विशेषज्ञों ने बीबीसी वेरिफाई को बताया कि घटनास्थल की तस्वीरों को देखकर ऐसा लगता है कि विस्फोट एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) की वजह से हुआ था, जो एक तरह का घर का बना बम होता है, जिसमें आमतौर पर कील या कांच जैसे आसानी से प्राप्त होने वाले घटक होते हैं.


कौन थे किरिलोव इगोर?


54 वर्षीय किरिलोव रूस के अंदर मारे जाने वाले सबसे उच्च रैंकिंग वाले रूसी सैन्य अधिकारी थे. उनकी मौत से सीनियर सैन्य अधिकारियों के लिए सुरक्षा उपायों की समीक्षा होने की उम्मीद है. किरिलोव ने रूस के रेडियोधर्मी, रासायनिक और जैविक रक्षा बलों की कमान संभाली, जो विकिरण, रसायनों या जैविक एजेंटों से दूषित वातावरण में सैनिकों की सुरक्षा के लिए काम करने वाली एक विशेष इकाई थी. किरिलोव जो शादीशुदा थे और उनके दो बेटे भी हैं. अक्सर सरकारी टेलीविजन पर यूक्रेन पर परमाणु सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने और समेत अलग-अलग घटनाओं के बारे में उसे दोषी ठहराते हुए दिखाई देते थे. अक्टूबर में ब्रिटेन ने किरिलोव और उनकी सेना पर पाबंदी लगाई थी.