Saudi Arab: स्तन कैंसर शोधकर्ता रय्याना बरनावी एक्सिओम स्पेस द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए एक मिशन में भाग लेने वाली सऊदी अरब की पहली महिला बनने वाली हैं.रय्याना बरनावी के साथ उनके साथी अंतरिक्ष यात्री अली अलकर्णी भी होंगे. Axiom Space के ह्यूमन स्पेसफ्लाइट के निदेशक और नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री और ISS कमांडर पैगी व्हिटसन मिशन का नेतृत्व करेंगे और एविएटर जॉन शॉफनर पायलट के रूप में काम करेंगे. एक्स -2 पहला वाणिज्यिक मानव अंतरिक्ष यान मिशन होगा जिसमें विदेशी सरकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले निजी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष यात्री दोनों शामिल होंगे. साथ ही यह एक महिला द्वारा निर्देशित पहला निजी मिशन भी होगा.


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कौन हैं रय्याना बरनावी


रय्याना बरनावी को स्टेम सेल और टिश्यू री-इंजीनियरिंग प्रोग्राम में नौ साल से अधिक का अनुभव है. अपने पूरे करियर के दौरान उन्होंने अनुसंधान प्रोटोकॉल में सुधार किया है. कई तकनीकों का निवारण किया है. कई स्तन कैंसर अनुसंधान परियोजनाओं का प्रबंधन किया है और एक ही क्षेत्र में कई प्रकाशन प्रकाशित किए हैं.


एक्स-2 अंतरिक्ष मिशन में भाग लेकर रय्याना बरनावी सऊदी की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बन जाएंगी. उनके साथ अरब को एक अंतरिक्ष मिशन पर एक ही राष्ट्रीयता के दो अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने वाले कुछ देशों में से एक बना देगा.


बरनावी ने अल्फैसल यूनिवर्सिटी से बायोमेडिकल साइंस में मास्टर डिग्री ली है. वहीं, ओटागो यूनिवर्सिटी से बायोमेडिकल साइंस में स्नातक की डिग्री (ReGD) हासिल की है. रय्याना बरनावी अपने भाई-बहनों और माता-पिता के साथ रियाद शहर में पली-बढ़ीं हैं.


अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले अरब या मुस्लिम सऊदी अरब के प्रिंस सुल्तान बिन सलमान थे, जो क्राउन प्रिंस के सौतेले भाई और वायु सेना के पायलट थे. वे 1985 में नासा के डिस्कवरी मिशन के सात सदस्यीय चालक दल का हिस्सा थे.


जानें इस अंतरिक्ष मिशन के बारे में


Ax-2 का बहुराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री दल अंतरिक्ष स्टेशन पर रहते हुए 20 से अधिक विभिन्न प्रयोग करेगा. जो ISS पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी गतिविधियों के लिए Axiom Space के पूर्ण-सेवा एकीकरण द्वारा संभव बनाया गया है. इन-फ्लाइट एकत्र किए गए डेटा पृथ्वी और ऑन-ऑर्बिट पर मानव शरीर विज्ञान की समझ को प्रभावित करेंगे. साथ ही नई प्रौद्योगिकियों की उपयोगिता स्थापित करेंगे जिनका उपयोग भविष्य में मानव अंतरिक्ष यान और पृथ्वी पर मानव जाति के लिए किया जा सकता है.