डॉ. वी नारायणन: भारत को चांद पर ले जाने वाला रॉकेट साइंटिस्ट, ISRO के अगले 'बॉस' के बारे में 5 बड़ी बातें
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डॉ. वी नारायणन: भारत को चांद पर ले जाने वाला रॉकेट साइंटिस्ट, ISRO के अगले 'बॉस' के बारे में 5 बड़ी बातें

ISRO New Chairman Dr V Narayanan: भारत सरकार ने डॉ. वी नारायण को अंतरिक्ष सचिव नियुक्त किया है. वह डॉ. एस सोमनाथ के रिटायर होने पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की कमान संभालेंगे.

डॉ. वी नारायणन: भारत को चांद पर ले जाने वाला रॉकेट साइंटिस्ट, ISRO के अगले 'बॉस' के बारे में 5 बड़ी बातें

Dr V Narayanan New ISRO Chief: डॉ. वी नारायणन अगले सप्ताह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के मुखिया बन जाएंगे. केंद्र सरकार ने उन्हें अंतरिक्ष विभाग में सचिव और अंतरिक्ष आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया है. इस पद पर बैठने वाला भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का चेयरमैन भी होता है. यानी, डॉ. एस सोमनाथ को 14 जनवरी को रिटायर होने के बाद, डॉ. वी नारायणन ISRO के नए अध्यक्ष बन जाएंगे. केंद्र ने उनकी नियुक्ति दो साल के लिए की है. डॉ. नारायणन की गिनती देश के टॉप वैज्ञानिकों में होती है. वह अभी इसरो में Liquid Propulsion Systems Centre (LPSC) के डायरेक्टर हैं. 1984 में ISRO ज्वाइन करने वाले इस 'रॉकेट मैन' के नाम ऐतिहासिक उपलब्धियां दर्ज हैं. आइए, आपको मिलवाते हैं ISRO के अगले चेयरमैन डॉ. वी नारायणन से.

  1. डॉ. वी नारायणन की पहचान एक रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट  प्रपल्शन एक्सपर्ट की है. तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के मेलाकट्टू गांव में जन्मे नारायणन ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा फर्स्ट क्लास में पास किया. इसके बाद, उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एसोसिएट मेंबरशिप हासिल की. IIT खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एमटेक करते हुए उन्होंने सिल्वर मेडल जीता किया और बाद में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री हासिल की. 1984 में ISRO से जुड़ने से पहले, डॉ. नारायणन ने लगभग डेढ़ साल तक प्राइवेट सेक्टर में काम किया, जिसमें टीआई डायमंड चेन लिमिटेड, मद्रास रबर फैक्ट्री (MRF) और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) शामिल हैं.
  2. ISRO में आने के बाद, डॉ. नारायणन ने सॉलिड प्रपल्शन पर काम किया. उन्होंने ऑगमेंटेड सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (ASLV) और पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) को डेवलप करने में अहम भूमिका निभाई. बाद में, वे लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) के निदेशक बने, जहां वह कई बड़े प्रोजेक्ट्स को लीड कर चुके हैं. उनके नेतृत्व में, LPSC ने विभिन्न ISRO मिशनों के लिए 183 लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम और कंट्रोल पावर प्लांट प्रदान किए. 
  3. डॉ. नारायणन GSLV Mk III के C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर थे. उनकी टीम ने C25 स्टेज को सफलतापूर्वक विकसित किया. उन्होंने PSLV के दूसरे और चौथे चरण के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 के प्रपल्शन सिस्टम में उनका खास योगदान है. 
  4. डॉ. नारायणन को तमाम अवार्ड्स मिले हैं, जिनमें आईआईटी खड़गपुर से सिल्वर मेडल, एरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) से गोल्ड मेडल और NDRF से नेशनल डिजाइन अवार्ड शामिल हैं.
  5. ISRO के कई पूर्व अध्यक्षों की तरह, डॉ. नारायणन का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ. अपनी मेहनत और समर्पण से वह अब भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का चेहरा बन गए हैं. उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब ISRO गगनयान जैसे बेहद अहम मिशनों की तैयारी कर रहा है. नए चीफ से ISRO को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद है.

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