Yahya Sinwar leader of Hamas in Gaza Strip: गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के आधार पर इजरायल और गाजा के बीच जारी लड़ाई में अब तक 31,112 से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है. युद्ध समाप्त होने के कोई आसार नजर नहीं आने के बीच, गाजा में फलस्तीनियों ने सोमवार से रमजान का महीना शुरू होने पर रोजा रखना शुरू कर दिया है. अमेरिका, कतर और मिस्र को उम्मीद थी कि रमजान से पहले युद्ध विराम समझौता हो जाएगा. लेकिन इजरायली बंधकों और फलस्तीनी कैदियों की अदला-बदली संभव नहीं हो पाई.  इजरायल गाजा में एक आदमी को पूरी ताकत से खोज रहा है. उसका नाम है- याह्या सिन‍वार. 


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आइए जानते हैं कौन हैं याह्या सिन‍वार, जिसको मारने के लिए इजरायल ने खाई कसम
इजरायल (Israel) के शहरों पर हमास के चौंकाने वाले हमले के बाद से ही एक नाम काफी चर्चा में है और यह नाम है याह्या सिन‍वार का. इजरायली अधिकारियों ने सिनवार को 'कसाई' कहा है. साथ ही उस पर हालिया हमलों की साजिश रचने का भी आरोप है, जिसमें 1,300 इजरायली मारे गए थे. 


गाजा में पैदा हुआ है सिनवार
सिनवार का जन्‍म 1962 में हुआ और वह दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शहर में पला-बढ़ा. उस दौर में यह शहर मिस्र के नियंत्रण में था. इजरायली सेनाओं ने उसके गृहनगर के नाम पर सिनवार को "खान यूनिस का कसाई" कहा है. रिपोर्टों के अनुसार, सिनवार का परिवार पहले अश्कलोन में बसा था, जो अब दक्षिण इजरायल में है, लेकिन 1948 में इजरायल की तरफ से अश्कलोन पर नियंत्रण करने के बाद उन्हें गाजा में बदलना पड़ा. अश्‍कलोन को पहले अल-मजदल के नाम से जाना जाता था.


24 साल जेल में बिताए
सिनवार के पास गाजा में इस्लामिक विश्वविद्यालय से अरबी अध्ययन में स्नातक की डिग्री है. 1987 में हमास की स्थापना के बाद, सिनवार हमास में चहेता बन गया. 1988 में सिनवार को दो इजरायली सैनिकों और चार फिलिस्तीनियों की हत्या में उनकी भूमिका पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया था, अगले वर्ष, उसे चार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.


हमास की सैन्य शाखा 
इज़ अल-दीन अल-क़सम ब्रिगेड, हमास की सैन्य शाखा है. यह गाज़ा पट्टी में सक्रिय है. ब्रिगेड का नाम, फ़िलिस्तीन के एक मुस्लिम उपदेशक और मुजाहिद इज़्ज़ अद-दीन अल-क़सम के नाम पर रखा गया है.


जब इजरायल ने सिनवार को रिहा किया
2006 में हमास की सैन्य शाखा इज़ एड-दीन अल-क़सम ब्रिगेड की एक टीम ने इजरायली क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए एक सुरंग का इस्तेमाल किया और एक सेना चौकी पर हमला किया. इस हमले में दो इजरायली सैनिकों की मौत हो गई.  कई सैनिक घायल हो गए. जिसमें एक सैनिक गिलाद शालित को पकड़ लिया गया. शालित पांच साल तक हमास के कैद में रहा. शालित की रिहाई के लिए एक समझौता साल 2011 में हुआ. जिसमें कैदी के अदला-बदली हुई. उसी अदला-बदली में सिनवार को हमास ने रिहा करा लिया.


2017 में मिली गाजा की कमान


रिहा होने के बाद सिनवार लगातार हमास के अंदर खुद को ताकतवर बनाता गया. 2015 में सिनवार को अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में डाल दिया. अमेरिकी विदेश विभाग के एक रिपोर्ट के मुताबिक सिनवार को आतंकवादी घोषित करने की घोषणा करते हुए बताया गया कि उसने हमास की सैन्य शाखा इज्जेदीन अल-कसम ब्रिगेड को खड़ा करने में बहुत भूमिका निभाई है. साल 2017 में सिनवार को गाजा में हमास का प्रमुख चुना गया था.


हानियेह के बाद दूसरा प्रमुख नेता


हमास संगठन के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख इस्माइल हानियेह के बाद सिनवार हमास नेतृत्व में नंबर 2 है. हनियेह के गाजा में न रहने के बाद सिनवार ही हमास का असली वारिस माना जाता है.उसने लगातार इजराइल के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष की वकालत की है और किसी भी समझौते के फार्मूले के खिलाफ रहा है.  वह अपने उग्र भाषणों के लिए जाना जाता है.  रिपोर्टों में कहा गया है कि वह हमास के प्रति बहुत जिम्मेदार है. उसके खून में है हमास के लिए लड़ना.


दूसरा ओसामा बिन लादेन है ‌‌‌सिनवार
इजरायल सिनवार को ही हमले का शहरों में हुए हमलों का जिम्मेदार मानता है. इज़रायल रक्षा बलों के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेचट ने कहा था कि याह्या सिनवार बुराई का चेहरा है. इजरायल पर हुए हवाई हमले के पीछे वही मास्टरमाइंड है, जैसे ओसामा बिन लादेन ने अमेरिका के साथ किया था. हम उसे मारेंगे ही मारेंगे देर भले हो जाए.